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Gambling : जुआरी भी बन सकते हैं कोरोना की तीसरी लहर के स्प्रेडर !

locationसूरतPublished: Jun 23, 2021 10:18:16 am

Submitted by:

Dinesh M Trivedi

– श्रावण माह की शुरुआत के साथ ही प्रदेश में शुरू हो जाता हैं जुआ खेलने दौर…
– प्रतिवर्ष की तरह पुलिस ने तैयार किया एक्शन प्लान, इस बार महामारी अधिनियम का प्रयोग
 

Gambling in Chiktabari, coal theft in Dhau

Gambling in Chiktabari, coal theft in Dhau

दिनेश एम.त्रिवेदी.
सूरत. कोरोना की घातक दूसरी लहर जैसे तैसे नियंत्रण में आई है, लेकिन अभी तक कोरोना की तीसरी लहर का खतरा टला नहीं हैं। संक्रमण की आशंकाएं लगातार व्यक्ति की जा रही है। दूसरी तरफ संक्रमण के कमजोर पड़ते ही एक बार फिर लोगों में मास्क और सोशल डिस्टेन्सिंग को लेकर बेपरवाही देखने को मिल रही है। गैर जरूरी गतिविधियां भी अब धीरे-धीरे जोर पकड़ रही हैं। इनमें गली-मोहल्लों में ओटले, चौबारों पर जुआ खेलना भी शामिल है।
श्रावण माह की शुरुआत के साथ ही प्रदेश में जुआ खेलने की कुप्रथा के चलते यह प्रवृत्ति जोर पकड़ने लगती है। पिछले एक महीने में जुआ खेलने के मामलों में लगातार बढोत्तरी हो रही है। आने वाले दिनों में इसमें और इजाफा हो सकता है। जुआ खेल कर लोग ना सिर्फ अपना आर्थिक नुकसान करते है, बल्कि वर्तमान विकट परिस्थितियों में एक जगह एकत्र होकर कोरोना संक्रमण के खतरे को भी बढ़ा रहे हैं। ये आने वाले दिनों में संक्रमण की तीसरी लहर के कारणों में से इजे कारण बन सकता है।
ऐसा कर जुआ खेलने वाले ना सिर्फ अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं, बल्कि अपने परिजनों ही नहीं, अन्य लोगों के लिए भी संक्रमण का खतरा बढ़ा रहे हैं। हालांकि श्रावण माह की शुरुआत के साथ पुलिस ने जुआरियों से निपटने के लिए प्रदेशभर में हर साल की तरह विशेष एक्शन प्लान तैयार किया है। कार्रवाई के लिए टीमें भी बनाई है। अधिकारियों का कहना हैं कि पकड़े जाने पर जुआ खेलने से जुड़ी समान्य धाराओं के साथ इस बार महामारी अधिनियम की धाराओं के साथ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

श्रावण मास में जुआ खेलने की कु-प्रथा :

मानसून के दौरान आने वाले श्रावण मास समेत कुछ विशेष मौकों जैसे भीम एकादशी, जन्माष्टमी, दीवाली पर प्रदेश में जुआ खेलने की कु प्रथा लंबे समय से चली रही है। श्रावण माह के दौरान प्रदेश में बड़े पैमाने पर जुआ खेला जाता है। खासकर सौराष्ट्र में इसका प्रचलन अधिक है। महिलाएं भी जुआ खेलने में शामिल होती हैं। कुछ लोग बस मौज-मस्ती के लिए खेलते हैं तो कई लोग अपनी पूरी पूंजी दाव पर लगा कर जीवन बर्बाद कर देते हैं। श्रावण में इन जुआरियों पर लगाम लगाने के लिए सूरत, अहमदाबाद, राजकोट, जामनगर समेत प्रदेश के बड़े शहरों में पुलिस विशेष अभियान चलाती है। हर साल हजारों जुआरी पकड़े भी जाते हैं।

चौबिस घंटे में 150 से अधिक को पकड़ा :
पुलिस सूत्रों की माने तो सूरत शहर पुलिस ने रविवार से ही जुआरियों के खिलाफ विशेष अभियान की शुरुआत कर दी है। पिछले चौबिस घंटों में ही पुलिस ने वराछा सहजानंद सोसायटी से 2, कापोद्रा रविपार्क सोसायटी से 10, लिम्बायत साईंकृपा सोसायटी से 6, सरथाणा राज इम्पीरीया से 5, वेडरोड लक्ष्मीनगर से 6, गोपीपुरा काजी मैदान से 4, नानी छीपवाड से 7, सैयदपुरा से 10, अंबानगर से 6, अमरोली गायत्रीनगर से 4 को पकड़ा है। इसके अलावा सोमवार को शहर के विभिन्न थाना क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर पुलिस द्वारा छापे मारने की कार्रवाई जारी है। जिनमें 150 से अधिक जुआरियों पकड़े गए होने की जानकारी मिली हैं।

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