scriptGANESH MAHOTSAV : तापी को बचाने के लिए भक्त बन गए मूर्तिकार | GANESH MAHOTSAV : devotee became sculptor to save Tapi | Patrika News

GANESH MAHOTSAV : तापी को बचाने के लिए भक्त बन गए मूर्तिकार

locationसूरतPublished: Sep 19, 2018 07:51:12 pm

– खुद तैयार किए इको फ्रेंडली श्रीजी

surat

GANESH MAHOTSAV : तापी को बचाने के लिए भक्त बन गए मूर्तिकार

सूरत.


सूरत में गणपति महोत्सव की धूमधाम लगातार बढ़ती जा रही है। हर गली और मोहल्ले में सजे गणेश पंडाल में देर रात तक चहल-पहल नजर आ रही है। सूरतीयों की उत्सवधर्मिता जगह-जगह फूट रही है। पंडालों में भजन-कीर्तन और कथा के साथ-साथ समाज सेवा से जुड़े दूसरे आयोजन भी हो रहे हैं। जैसे-जैसे विसर्जन की तारीख नजदीक आ रही है, उत्सव की उमंग और उत्साह बढ़ता जा रहा है। हर साल तापी किनारे बनाए जाने वाले कृत्रिम तालाबों में हजारों प्रतिमाएं विसर्जित की जाती हैं। इनमें से कई प्रतिमाओं का पूर्ण रूप से विसर्जन नहीं हो पाता। तापी और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए कई भक्त खुद मूर्तिकार बन गए हैं। कुछ साल से वह मिट्टी के इको-फ्रेंडली श्रीजी बना रहे हैं और घर-आंगन में ही इनका विसर्जन कर अन्य लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं।
समाचार पत्रों की प्रतिमा
सरथाणा निवासी संजय मांडवा ने समाचार पत्रों, तेल और पानी की बोतलों का उपयोग कर 9 फीट की गणेशजी की प्रतिमा बनाई है। इस प्रतिमा का विसर्जन सोसायटी में ही किया जाएगा।
मिट्टी के डेढ़ फीट की प्रतिमा
सलाबतपुरा, धामलावाड़ निवासी तीन बच्चों जैनिल, माधव और नील ने घर में मिट्टी के डेढ़ फीट की प्रतिमा बनाई है। इको-फ्रेंडली रंगों से श्रीजी का श्रृंगार किया गया।

हाथों से मिट्टी के छोटे श्रीजी बनाए
सिटीलाइट निवासी 9 साल की जैना शाह चौथी कक्षा की छात्रा है। उसने अपने हाथों से मिट्टी के छोटे श्रीजी बनाए हैं।
फिटकरी से इको-फ्रेंडली प्रतिमा बनाई
वेसू के जी.डी.गोएन्का स्कूल के विद्यार्थियों ने फिटकरी से इको-फ्रेंडली प्रतिमा बनाई। उनका कहना है कि फिटकरी से पानी स्वच्छ होता है। पर्यावरण को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचता।

श्रीजी बनाने की वर्कशॉप
अडाजण में एक संस्था ने छोटे बच्चों के लिए मिट्टी के श्रीजी बनाने की वर्कशॉप का आयोजन किया। इसमें बच्चों को मिट्टी के गणेशजी बनाना सिखाया गया। वर्कशॉप में अभिभावकों ने भी हिस्सा लिया।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो