सूरत

GANESH UTSAV : गजानन के पंडाल की रक्षा करते है उड़ते हुए हनुमान

गणेश उत्सव को धूम धाम से मानने के लिए जाने जाते सूरत में अब पिछले कई साल से आयोजक जनता को जागरूक करने के प्रयास में लगे हैं। गणेश उत्सव के माध्यम से जनता को जागरूकता का संदेश दिया जाता है। तापी को स्वच्छ रखने का संदेश देने के उद्देश्य से रांदेर के आयोजक ने 3 व 7 इंच की गणेश प्रतिमा स्थापित की है। तो दूसरी ओर उधना में पर्यावरण को सुरक्षित रखने का संदेश देने के लिए वृक्ष में श्रीजी को स्थापित किया गया। बेगमपुरा में 3 फीट की मिट्टी की गजानन की प्रतिमा की रक्षा उड़ते हुए हनुमान कर रहे है।

सूरतSep 24, 2022 / 01:42 pm

Divya Kashyap

GANESH UTSAV : गजानन के पंडाल की रक्षा करते है उड़ते हुए हनुमान

– बेगमपुरा के पंडाल में से बच्चे बाहर निकलने का नाम नहीं लेते:
बेगमपुरा की घांची शेरी में आयोजकों ने रामायण थीम पर पंडाल बनाया है। पंडाल काफी बड़ा है पर तापी को प्रदूषण से बचाने के लिए इसमें सिर्फ 3 फीट की ही मिट्टी की गणेश प्रतिमा स्थापित की गई है। इस पंडाल की खास बात यह है की इसमें हनुमान उड़ रहे है। नीचे श्रीजी राम अवतार में कुंभकर्ण से युद्ध कर रहे है। सुग्रवी, अंगत, जांबवान, विभीषण की छबि भी पंडाल में है। जिसे बच्चे रामायण के पत्रों को पहचान सके। हनुमान कैसे उड़ रहे है इस तकनीक को समझने के चक्कर में बच्चे देर तक पंडाल में जमे रहते हैं।

– हथेली में आ जाए ऐसी प्रतिमा देखने दूर दूर से आ रहे है भक्त:
रांदेर निवासी अंकित सेलर ने घर में कृष्ण अवतार में श्रीजी की स्थापना की है। यह श्रीजी की साइज सिर्फ 7 इंच है, जो मुंबई से लाए गए है। सिर्फ 7 इंच की इस प्रतिमा की कीमत 12 हजार रुपए है। इस प्रतिमा के आसपास वृंदावन का दृश्य खड़ा किया गया है। पास में छोटा सा मोर भी रखा गया है। एक ही नजर में यह दृश्य सभ को पसंद आ रहा है। पास में एक पेड़ है जिसमें से 3 इंच के श्रीजी प्रगट हो रहे है। यह 3 इंच की प्रतिमा मिट्टी की है। तापी में पीओपी का प्रदूषण ना फैले इसलिए इतनी छोटी छोटी प्रतिमा स्थापित की गई है।
– वृक्ष में गणपति देख भक्त हुए खुश:
उधना में पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए वृक्ष में गणेश जी स्थापित किए गए है। बच्चों को वृक्ष का महत्व समझाया जा रहा है। इस पर गणेशजी का चित्र बनकर धोती व अन्य परिधान से इसे आकर्षित बनाया गया है। इसका विसर्जन नहीं होगा। इस पर पानी डालकर इसे पहनाए गए वस्त्रों को दान कर दिया जाएगा। आयोजकों का उद्देश्य है की बच्चे वृक्ष का महत्व समझे, ऑक्सीजन के साथ पृथ्वी के लिए क्यों वृक्ष जरूरी है यह जान जाएंगे तो नए पौधे लगाएंगे।
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