मामले की जांच कर रहे पुलिस हजीरा थाना प्रभारी आर.आर.आहीर ने बताया कि चारों आरोपित गुरुवार को पीडि़त बच्ची के घर के निकट खुले मैदान में क्रिकेट खेल रहे थे। क्रिकेट खेलने के दौरान वे मोबाइल पर अश्लील वीडियो भी देख रहे थे। उसी दौरान करीब तीन बजे बच्ची अपने घर के निकट ताड़ के पेड़ के नीचे खेल रही थी। वे वहां पर आए और बहला-फुसला कर उसे उसके घर से कुछ दूर झाडिय़ों में ले गए।
वहां चारों ने बारी बारी से उसके साथ जबरदस्ती की। उधर बच्ची के लापता होने पर परिजन उसकी खोज बिन में जुट गए थे। पूरे गांव में उसकी खोज चल रही थी। इस बीच शाम को इन्हीं में से एक जना उसे ले आया और एक अन्य युवक को दे दिया। उसे बताया कि वह उन्हें झाडिय़ों में पड़ी हुई मिली थी। परिजनों ने बच्ची को तुंरत अस्पताल पहुंचाया। पीडि़ता की हालत गंभीर थी डॉक्टरों ने तुंरत उपचार शुरू कर ऑपरेशन किया और पन्द्रह टांके लगाए। गहरे सदमे के कारण ऑपरेशन के बच्ची की कुछ भी बोलने की स्थिती में नहीं थी। वहीं इस घटना से पूरे गांव में जबरदस्त आक्रोश को देखते हुए हजीरा पुलिस के साथ एसओजी व पीसीबी की टीमें भी जांच में जुट गई थी। पुलिस ने पहले बच्ची को ढूंढ कर लाने वाले किशोर व उसने जिसे बच्ची को सौंपा था।
उनसे पूछताछ की, फिर उनका मेडिकल भी करवाया। बाद में उस दिन वहां क्रिकेट खेलने वाले सभी सात लडक़ों को हिरासत में लेकर उनसे अलग-अलग तरिकों से पूछताछ की। पुलिस ने घटना के वक्त उनकी सही लॉकेशन की तस्दीक की। पुलिस की लगातार पूछताछ में आखिरकार उन्होंने सोमवार को बच्ची को लाने वाले युवक ने गुनाह कूबल कर लिया।
उसने अपने साथ लिप्त तीन अन्य किशोरों के नाम भी बता दिए। उनसे विस्तृत पूछताछ के बाद पुलिस ने उन्हें कोर्ट में पेश किया और फिर बालसुधार गृह भेज दिया।
मामा का था मोबाइल फोन
पुलिस ने बताया कि सभी आरोपित किशोर प्रवासी श्रमिक परिवारों के है। उन्होंने जिस मोबाइल पर अश्लील फिल्म देखी थी वह उनमें से एक के मामा का था। वह घर से मोबाइल फोन उठा लाया था।