रात बारह बजे चंद्रकांत अपने मित्रों ऋत्विक जोगी, आजाद खान और विश्वनाथ के साथ दो दुपहिया वाहनों पर ध्रुव तारक सोसायटी के सामने से गुजर रहा था।
हितेन्द्र, अभिषेक और उनके साथियों ने जोर-जोर से बात करने पर आपत्ति जताई तथा उन पर तलवार, चाकू से हमला कर दिया।
चंद्रकांत को उन्होंने पकड़ लिया। उसे घेर कर उन्होंने चाकू और तलवार से एक के बाद एक कई वार किए। चंद्रकांत को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।