scriptमिट्टी और कागज के गणपति स्थापित | Ganpati of clay and paper installed | Patrika News

मिट्टी और कागज के गणपति स्थापित

locationसूरतPublished: Sep 05, 2019 05:38:30 pm

Submitted by:

Sunil Mishra

लोगों को पर्यावरण बचाने का संदेश दिया

मिट्टी और कागज के गणपति स्थापित

मिट्टी और कागज के गणपति स्थापित

वलसाड. इस बार कई जगहों पर मिट्टी और पेपर के गणपति की स्थापना की गई है। धरमपुर रोड स्थित प्रमुख साध्य सोसायटी में तीन साल से गणेश भगवान की मिट्टी की मूर्ति स्थापना कर सोसायटी में कुंड बनाकर विसर्जन किया जाता है। कुंड में तुलसी का पौधा उगा दिया जाता है। दूसरी तरफ स्टेडियम रोड पर मंडल ने कागज के गणपति की स्थापना कर लोगों को पर्यावरण बचाने का संदेश दिया है। दस दिनों तक पूजा करने के बाद विसर्जन किया जाएगा।
नदियों में ढाई दिन के गणपति बप्पा का विसर्जन
ढाई दिन के गणेश भगवान का बुधवार को विसर्जन किया गया। गणपति बप्पा की विसर्जन यात्रा में श्रद्धालु बड़ी संख्या में शामिल थे। सोमवार को शहर में धूमधाम से गणपति बप्पा की स्थापना की गई थी। इसके साथ ही उनका विसर्जन भी शुरू हो गया है। बुधवार को शोभायात्रा निकालकर नदी तटों पर गणपति बप्पा को ले जाने के बाद वहां पूजा करने के बाद विसर्जन किया गया। कई मंडलों समेत सैकड़ों घरों में स्थापित गणेश जी का औरंगा और वांकी नदी में विसर्जन किया गया।

नारियल के छिलके से बनाई गई गणपति प्रतिमा
भरुच. अंकलेश्वर में इको फ्रेंडली गणपति प्रतिमाओं की स्थापना की गई है। अंकलेश्वर शहर के केशव पार्क इलाके में नारियल के छिलके से स्थापित गणपति प्रतिमा को देखने के लिए भीड़ लग रही है।
मिट्टी और कागज के गणपति स्थापित
विसर्जन के लिए तैयार किया जलकुंड
भरुच. अंकलेश्वर में छोटी गणपति प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए प्रशासन की ओर से तैयारियां तेज कर दी गई हैं। अंकलेश्वर में इएसआईसी अस्पताल के सामने छोटी प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए जलकुंड बनाया गया है। यहां पर लोग भक्तिभाव के साथ अपनी छोटी गणपति प्रतिमाओं का विसर्जन कर सकेंगे। अंकलेश्वर में अन्य स्थानों पर भी इसी तरह से मिनी जलकुंड बनाए जा रहे हैं।
दमणगंगा नदी तट पर 256 मूर्तियां विसर्जित
वापी. डेढ़ दिन के गणपति बप्पा का विसर्जन मंगलवार को किया गया। वापी में दमणगंगा, कोलक नदी में बड़ी संख्या में गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। मंगलवार को विसर्जित होने वाली गणेश प्रतिमाएं लोगों ने घरों में स्थापित की गई थी। पूजा अर्चना के बाद श्रद्धालुओं ने विसर्जन यात्रा निकाली और गाजे बाजे के साथ गणपति बप्पा को नदी तट पर ले गए। वहां पर पुलिस ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए थे। दमणगंगा नदी तट पर पुलिस के अलावा दमकल कर्मी और पुलिस समन्वय टीम भी मौजूद थी। लोगों को नदी में जाने की मनाही थी। गोताखोरों के अलावा किसी को भी नदी में अंदर जाने नहीं दिया जा रहा था। दमणगंगा नदी तट पर रात आठ बजे तक 256 मूर्तियां विसर्जित की गई थी।
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