वापी में बप्पा को दी भावभीनी विदाई
वापी. 11 दिनों तक भक्तों की पूजा अर्चना के बाद रविवार को गौरीसुत गणपति बप्पा निजधाम लौट गए। हजारों भक्तों ने गाजे बाजे के साथ विसर्जन यात्रा निकालकर उन्हें भावभीनी विदाई दी।
अनंत चतुर्दशी पर विघ्नहर्ता को विदाई देने से पूर्व पंडालों में कथा और आरती की गई। दोपहर होते होते विसर्जन यात्रा शुरू की गई। वापी टाउन, गुंजन, भडक़मोरा समेत अन्य स्थानों के बड़े मंडलों द्वारा विसर्जन यात्रा गाजे बाजे के साथ शुरू की गई थी। कई बड़े मंडलों की झांकी आकर्षण का केन्द्र रही। सब्जी मंडी के गणेश, भडक़मोरा मे शिवसेना द्वारा स्थापित गणपति गुंजन पर शंभू सेना समेत अन्य कई बड़े मंडलों ने शोभायात्रा के साथ गणपति की विसर्जन यात्रा निकाली थी। शहर की ट्रैफिक व्यवस्था और यात्रा की सुरक्षा के लिए पुलिस की ओर से व्यापक बंदोबस्त किया गया था। कई स्थानों पर सामाजिक संस्थाओंं व मंडलों द्वारा गणपति विसर्जन यात्रा का स्वागत किया गया। पुलिस की सूचना के अनुसार अधिकांश मंडलों की मूर्तियां विसर्जन स्थल तक पहुंच गई थी। पानी में अंदर जाने की अनुमति किसी को नहीं थी। घाटों पर दमकल विभाग के गोताखोरों और पुलिस की देखरेख में सभी मूर्तियों का विसर्जन किया गया। बड़े मंडलों के अलावा कई सोसायटियों में स्थापित गणेश भगवान को भी धूमधाम से विसर्जन किया गया। यात्रा में बच्चों से लेकर बुजर्ग भी उत्साह और श्रद्धा के साथ शामिल थे।
वापी. 11 दिनों तक भक्तों की पूजा अर्चना के बाद रविवार को गौरीसुत गणपति बप्पा निजधाम लौट गए। हजारों भक्तों ने गाजे बाजे के साथ विसर्जन यात्रा निकालकर उन्हें भावभीनी विदाई दी।
अनंत चतुर्दशी पर विघ्नहर्ता को विदाई देने से पूर्व पंडालों में कथा और आरती की गई। दोपहर होते होते विसर्जन यात्रा शुरू की गई। वापी टाउन, गुंजन, भडक़मोरा समेत अन्य स्थानों के बड़े मंडलों द्वारा विसर्जन यात्रा गाजे बाजे के साथ शुरू की गई थी। कई बड़े मंडलों की झांकी आकर्षण का केन्द्र रही। सब्जी मंडी के गणेश, भडक़मोरा मे शिवसेना द्वारा स्थापित गणपति गुंजन पर शंभू सेना समेत अन्य कई बड़े मंडलों ने शोभायात्रा के साथ गणपति की विसर्जन यात्रा निकाली थी। शहर की ट्रैफिक व्यवस्था और यात्रा की सुरक्षा के लिए पुलिस की ओर से व्यापक बंदोबस्त किया गया था। कई स्थानों पर सामाजिक संस्थाओंं व मंडलों द्वारा गणपति विसर्जन यात्रा का स्वागत किया गया। पुलिस की सूचना के अनुसार अधिकांश मंडलों की मूर्तियां विसर्जन स्थल तक पहुंच गई थी। पानी में अंदर जाने की अनुमति किसी को नहीं थी। घाटों पर दमकल विभाग के गोताखोरों और पुलिस की देखरेख में सभी मूर्तियों का विसर्जन किया गया। बड़े मंडलों के अलावा कई सोसायटियों में स्थापित गणेश भगवान को भी धूमधाम से विसर्जन किया गया। यात्रा में बच्चों से लेकर बुजर्ग भी उत्साह और श्रद्धा के साथ शामिल थे।