ट्रेनों के ठहराव से हजारों लोगों को मिलेगी राहत
ताप्ती लाइन पर ज्यादतर उत्तरभारत और महाराष्ट्र की ओर जाने वाली लंबी दूरी की ट्रेन के ठहराव के लिए पिछले 20 वर्षों से मांग करते आ रहे हैं, लेकिन हमारी कोई सुनने वाला नहीं है। क्षेत्र में चीनी मिल होने के कारण बड़ी संख्या में अन्य प्रदेश के लोग यहां रह रहे हैं। लोगों को अपने गांव जाने के लिए सूरत जाकर ट्रेन पकडऩा पड़ता है। बारडोली में लंबी दूरी की ट्रेनों के ठहराव होने से लोगों को काफी सुुविधा होगी।
सुरेन्द्रसिंह चौहान, अग्रणी उत्तर भारतीय समाज
ऐतिहासिक भूमि के साथ अन्याय
बारडोली ऐतिहासिक भूमि है। आजादी के दौरान सरदार पटेल ने किया बारडोली सत्याग्रह आंदोलन जो पूरी दुनिया के लिए प्रेरणादायी है। दूर-दूर से लोग यहां सरदार की यादें ताजा करने के लिए आते हैं। अगर लंबी दूरी की ट्रेन एक मिनट के लिए भी रुकेगी तो लोगों को बारडोली के इतिहास के जानने में रुचि पैदा होगी। वहीं पहले से ही रेलवे प्रशासन ने बारडोली के साथ अन्याय किया है।
राजेश वाघ, अध्यक्ष, स्वामी विवेकानंद युवक संघ
महाराष्ट्र के लिए बारडोली रेलवे स्टेशन अहम
दक्षिण गुजरात में रहते उत्तर महाराष्ट्र और खानदेश क्षेत्र के लोगों के लिए ताप्ती ट्रेन मार्ग जैसे लाइफ लाइन की तरह है। सूरत में रह रहे लोग तो सूरत या उधना रेलवे स्टेशन पर उतर जाते हैं लेकिन बारडोली, नवसारी, कड़ोदरा, चलथान, पलसाना, महुवा सहित अन्य क्षेत्रों के लोगों के लिए बारडोली रेलवे स्टेशन नजदीक पड़ता है। बारडोली से लोगों को अपने गंतव्य तक जाने ले किए एसटी बस की सुविधाएं भी है। बारडोली रेलवे स्टेशन पर लंबी दूरी की ट्रेनों के ठहराव जरूरी है। महाराष्ट्र से बारडोली आने वाले लोगों को हाल में एक-दो ट्रेन पर ही निर्भर रहना पड़ता है।
अशोक पाटील, अध्यक्ष, समस्त महाराष्ट्रीयन समाज
बारडोली ऐतिहासिक भूमि है। आजादी के दौरान सरदार पटेल ने किया बारडोली सत्याग्रह आंदोलन जो पूरी दुनिया के लिए प्रेरणादायी है। दूर-दूर से लोग यहां सरदार की यादें ताजा करने के लिए आते हैं। अगर लंबी दूरी की ट्रेन एक मिनट के लिए भी रुकेगी तो लोगों को बारडोली के इतिहास के जानने में रुचि पैदा होगी। वहीं पहले से ही रेलवे प्रशासन ने बारडोली के साथ अन्याय किया है।
राजेश वाघ, अध्यक्ष, स्वामी विवेकानंद युवक संघ
महाराष्ट्र के लिए बारडोली रेलवे स्टेशन अहम
दक्षिण गुजरात में रहते उत्तर महाराष्ट्र और खानदेश क्षेत्र के लोगों के लिए ताप्ती ट्रेन मार्ग जैसे लाइफ लाइन की तरह है। सूरत में रह रहे लोग तो सूरत या उधना रेलवे स्टेशन पर उतर जाते हैं लेकिन बारडोली, नवसारी, कड़ोदरा, चलथान, पलसाना, महुवा सहित अन्य क्षेत्रों के लोगों के लिए बारडोली रेलवे स्टेशन नजदीक पड़ता है। बारडोली से लोगों को अपने गंतव्य तक जाने ले किए एसटी बस की सुविधाएं भी है। बारडोली रेलवे स्टेशन पर लंबी दूरी की ट्रेनों के ठहराव जरूरी है। महाराष्ट्र से बारडोली आने वाले लोगों को हाल में एक-दो ट्रेन पर ही निर्भर रहना पड़ता है।
अशोक पाटील, अध्यक्ष, समस्त महाराष्ट्रीयन समाज
अन्य प्रदेश के लोगों की बढ़ रही संख्या
क्षेत्र में औद्योगिक विकास होने के साथ-साथ उत्तरप्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और ओडिशा के लोगों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। वहीं ट्रेनों की सुविधा न के बराबर है। लोगों को अपने गांव आने-जाने के लिए सूरत या व्यारा, नंदुरबार तक ट्रेन पकडऩे के लिए जाना पड़ता है। अगर बारडोली में स्टोपेज दिया जाए तो इन स्टेशनों का बोझ भी कम होगा।
उदयसिंह सेंगर, अध्यक्ष, उत्तर भारतीय समाज एवं कारोबारी चेयरमैन, नगरपालिका, बारडोली.
व्यापारियों को होगा फायदा
बारडोली चेम्बर ऑफ कॉमर्स की ओर से बारडोली रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों के ठहराव के लिए कई बार शिकायत की गई। इसके बावजूद रेलवे प्रशासन की ओर से इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। वहीं लंबी दूरी की तीन-चार ट्रेनों को स्टोपेज मिल जाता है तो आम लोगों के साथ-साथ व्यापारियों को भी काफी फायदा होगा।
हेमंत जोशी, अध्यक्ष, बारडोली चेम्बर ऑफ कॉमर्स.