सूरत

कमल देने गए, झेलना पड़ा विरोध

परीक्षार्थियों को कमल का फूल देने पहुंचे भाजपा के समर्थकों को महाविद्यालय परिसर में विरोध का समान करना पड़ा। परीक्षा की शुभकामना के बहाने भाजपा का प्र

सूरतNov 19, 2017 / 10:57 pm

मुकेश शर्मा

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सूरत।परीक्षार्थियों को कमल का फूल देने पहुंचे भाजपा के समर्थकों को महाविद्यालय परिसर में विरोध का समान करना पड़ा। परीक्षा की शुभकामना के बहाने भाजपा का प्रचार करने वाले कार्यकर्ताओं के खिलाफ पाटीदार युवाओं ने जमकर नारे लगाए। परीक्षा खंड के बाहर भाजपा के समर्थक और पाटीदार युवा आमने-सामने हो गए। महाविद्यालय प्रशासन ने दोनों पक्षों को जैसे-तैसे समझाकर मामला शांत किया।

इन दिनों वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय की परीक्षाएं चल रही हैं। शुक्रवार को साइंस संकाय के विद्यार्थियों की परीक्षा का आगाज हुआ। चुनाव को लेकर सभी पार्टियां युवाओं पर खास नजर रख रही हैं। पिछले चुनाव के मुकाबले इस चुनाव में युवा मतदाताओं की संख्या बढ़ी है। १८ से 25 साल के युवा मतदाता ज्यादा हैं। भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने परीक्षा के समय युवाओं से संपर्क करना उचित समझा। कार्यकर्ता शहर के विभिन्न महाविद्यालयों में भाजपा का चुनाव चिन्ह कमल लेकर पहुंच गए। महाविद्यालय और परीक्षा खंड में प्रवेश कर रहे हर परीक्षार्थी को कमल का फूल देकर शुभकामना दी गई। रांदेर के नवयुग कॉलेज परिसर में युवा मोर्चा के कार्यकर्ता जैसे ही परीक्षार्थियों को कमल का फूल देने लगे, कुछ पाटीदार युवा वहां एकत्रित हो गए। उन्होंने कमल का फूल देने वाले युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं का जमकर विरोध किया।

पाटीदार युवाओं ने परीक्षा की चिंता छोड़ जय पाटीदार जय सरदार के नारे लगाना शुरू कर दिया। देखते-देखते माहौल गरमाने लगा। युवा मोर्चा और पाटीदार युवा आमने-सामने आ गए। कॉलेज प्रशासन के कुछ लोग वहां पहुंचे। दोनों पक्षों को समझाकर वहां से रवाना किया गया। वराछा और कामरेज विस्तार में दो बड़े कॉलेज हैं। दोनों के आसपास बड़ी संख्या में पाटीदार रहते हैं। इसलिए भाजपा और युवा मोर्चा के कार्यकर्ता इन कॉलेजों में कमल का फूल देने नहीं पहुंचे। युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं को अंदाजा नहीं था कि रांदेर के कॉलेज में भी उनका विरोध हो सकता है।

महिला वकील भी इस बार दावेदारी की तैयारी में

सूरत जिला वकील मंडल के नए प्रमुख समेत विभिन्न पदों के लिए 22 दिसम्बर को होने वाले चुनाव में पहली बार एक से अधिक पदों पर महिला वकील भी दावेदारी कर सकती हैं। सूरत जिला न्यायालय में इसे लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं।

सूरत जिला वकील मंडल के प्रमुख, उपप्रमुख, सचिव समेत विभिन्न पदों का कार्यकाल एक साल का होता है। हर साल दिसम्बर में चुनाव होता है। अब तक इन पदों के लिए महिला वकीलों ने दावेदारी नहीं की थी। कोर्ट संकुल में चर्चा शुरू हो गई है कि इस बार चुनाव में एक से अधिक पदों के लिए महिला वकील भी मैदान में उतर सकती हैं। इसके लिए महिला वकीलों ने तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। अधिवक्ता प्रीति जोशी ने बताया कि महिला वकीलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए उनकी समस्याएं सुलझाने के लिए महिला प्रतिनिधित्व जरूरी है। इस बार प्रमुख, उपप्रमुख और सचिव पद के लिए महिला वकीलों ने दावेदारी करने का मन बनाया है।

सूरत जिला न्यायालय में 5000 से अधिक अधिवक्ता प्रेक्टिस करते हैं और सूरत जिला वकील मंडल के सदस्य भी हैं। वकालत के व्यवसाय में पिछले कुछ समय से महिलाओं का झुकाव बढ़ा है, जिससे सूरत जिला न्यायालय में महिला अधिवक्ताओं की संख्या बढ़ती जा रही है। यहां 40 फीसदी महिला अधिवक्ता हैं।

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