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GOOD NEWS: एक ही साल में योग वर्ग में चार गुना आया उछाल

locationसूरतPublished: Jun 17, 2021 09:42:50 pm

Submitted by:

Dinesh Bhardwaj

-गुजरात राज्य योग बोर्ड के स्थापना के बाद शहर में दो सौ करीब योग वर्ग, कोरोना काल में बढ़कर हो गए आठ सौ से ज्यादा, हाल में पहुंचे एक हजार के पास

GOOD NEWS: एक ही साल में योग वर्ग में चार गुना आया उछाल

GOOD NEWS: एक ही साल में योग वर्ग में चार गुना आया उछाल

सूरत. कोरोना काल में कोई अच्छी बात हुई तो वह यह रही कि योग-प्राणायाम और ध्यान-आसन घर-घर पहुंच गया। दो वर्ष पहले ही गठित गुजरात राज्य योग बोर्ड संचालित योग वर्गों की बात की जाए तो उसकी संख्या अकेले सूरत महानगर में ही आज एक हजार के करीब पहुंच गई है, जबकि दो साल पहले यह संख्या केवल दो सौ तक सीमित थी। इसमें भी योग वर्ग में चार गुना उछाल तो केवल जुलाई 2019 से जुलाई 2020 के एक वर्ष में ही आ गया था।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस नजदीक ही है और कोरोना काल में जिस तरह से योग-प्राणायाम और ध्यान-आसन ने लाखों-करोड़ों लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता की वृद्धि के प्रति दृढ़ ईच्छाशक्ति जर्बदस्त तरीके से बढ़ी है। योग-प्राणायाम के प्रति लोगों की बढ़ती रुचि के आंकड़ों में सूरत महानगर में भी अप्रत्याशित वृद्धि दर्ज की है। यूं तो सूरत महानगर में योग-प्राणायाम और ध्यान-आसन के अनेक वर्ग वर्ष 2014 में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की स्थापना के पहले से चल रहे हैं, लेकिन इनके बारे में व्यवस्थित तरीके से रखरखाव दो वर्ष पहले ही 21 जून को विश्व योग दिवस पर गुजरात सरकार द्वारा गठित गुजरात राज्य योग बोर्ड के बाद होने लगा है। जून 2019 में गुजरात राज्य योग बोर्ड गठन के बाद सूरत महानगर के विभिन्न विस्तार में करीब दो सौ योग वर्ग संचालित होते थे, जो कि अगले वर्ष कोरोना काल में अप्रत्याशित तरीके से बढ़े हैं।
-सूरत महानगर में योग वर्ग के आंकड़े

वर्ष बोर्ड संचालित निजी/संस्थागत
2019 200 100
2020 800 250
2021 1000 300

गुजरात राज्य योग बोर्ड के अलावा सूरत महानगर में आर्ट ऑफ लिविंग, पतंजलि योग समिति, गायत्री परिवार, ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय संस्थान, लकूलिस, आर्य समाज समेत अन्य बड़ी संस्था के नियमित योग वर्ग संचालित हैं।
-योग प्रशिक्षकों की संख्या सैकड़ों में

कोरोना काल के दौरान जनमानस में तेजी से योग-प्राणायाम और ध्यान-आसन ने जगह बनाई, नतीजन बोर्ड संचालित योग वर्ग की संख्या देखते ही देखते चार गुना हो गई। बोर्ड संचालित परीक्षा में विधिवत सैकड़ों की संख्या में योग प्रशिक्षक भी तैयार हो गए और लॉकडाउन में जब कई पाबंदियां रही तब उन्होंने घर-घर, सोसायटी-अपार्टमेंट में 5 से 15 लोगों को योग प्रशिक्षण दिया। आयुष मंत्रालय ने भी काढ़ा वितरण के साथ-साथ योग के प्रति लोगों का ध्यान आकृष्ट किया।
-तेजी से बढऩे की अहम वजहें

कोरोना का दुष्प्रभाव मनुष्य के शरीर में सर्वाधिक रूप से श्वसन तंत्र पर पड़ा है और इस रोकने व खत्म करने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में योग-प्राणायाम और ध्यान-आसन ने कमाल का अंजाम दिखाया। नतीजन लोगों ने टीवी सेट पर बाबा रामदेव व अड़ोस-पड़ौस में योग प्रशिक्षकों से प्राथमिक रूप से भस्त्रिका, कपालभाति, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी, उदगीथ प्राणायाम व सूर्य नमस्कार, पवनमुक्तासन, मंडूकासन, उत्तानपादासन, वज्रासन, मर्कटासन, भुजंगासन आदि आसन आसानी से सीखे और नियमित प्रयोग में लिए।
-लोगों के बीच बनाई जगह

पतंजलि योग समिति व गुजरात राज्य योग बोर्ड ने कोरोना काल में योग-प्राणायाम के माध्यम से जन-जन के बीच गहरी पैठ बनाई है। योग प्रशिक्षकों ने कोविड आइसोलेशन सेंटर में जाकर कोरोना मरीजों को शीघ्र स्वस्थ होने के कई टिप्स भी बताए हैं।
सुरेश सुथार, सूरत जिला कोच, गुजरात राज्य योग बोर्ड

-अब तो एक घर छोड़ दूसरे घर योग

कोरोना काल में योग-प्राणायाम के बारे में यूं कहे तो ज्यादा बेहतर रहेगा कि इसकी पैठ एक घर छोड़ दे तो दूसरे घर के लोगों के बीच अवश्य हो गई है। ऐसी स्थिति में अकेले सूरत महानगर में लाखों लोग नियमित योग-प्राणायाम करते हो गए हैं।
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