-सूरत महानगर में योग वर्ग के आंकड़े वर्ष बोर्ड संचालित निजी/संस्थागत
2019 200 100
2020 800 250
2021 1000 300 गुजरात राज्य योग बोर्ड के अलावा सूरत महानगर में आर्ट ऑफ लिविंग, पतंजलि योग समिति, गायत्री परिवार, ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय संस्थान, लकूलिस, आर्य समाज समेत अन्य बड़ी संस्था के नियमित योग वर्ग संचालित हैं।
-योग प्रशिक्षकों की संख्या सैकड़ों में कोरोना काल के दौरान जनमानस में तेजी से योग-प्राणायाम और ध्यान-आसन ने जगह बनाई, नतीजन बोर्ड संचालित योग वर्ग की संख्या देखते ही देखते चार गुना हो गई। बोर्ड संचालित परीक्षा में विधिवत सैकड़ों की संख्या में योग प्रशिक्षक भी तैयार हो गए और लॉकडाउन में जब कई पाबंदियां रही तब उन्होंने घर-घर, सोसायटी-अपार्टमेंट में 5 से 15 लोगों को योग प्रशिक्षण दिया। आयुष मंत्रालय ने भी काढ़ा वितरण के साथ-साथ योग के प्रति लोगों का ध्यान आकृष्ट किया।
-तेजी से बढऩे की अहम वजहें कोरोना का दुष्प्रभाव मनुष्य के शरीर में सर्वाधिक रूप से श्वसन तंत्र पर पड़ा है और इस रोकने व खत्म करने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में योग-प्राणायाम और ध्यान-आसन ने कमाल का अंजाम दिखाया। नतीजन लोगों ने टीवी सेट पर बाबा रामदेव व अड़ोस-पड़ौस में योग प्रशिक्षकों से प्राथमिक रूप से भस्त्रिका, कपालभाति, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी, उदगीथ प्राणायाम व सूर्य नमस्कार, पवनमुक्तासन, मंडूकासन, उत्तानपादासन, वज्रासन, मर्कटासन, भुजंगासन आदि आसन आसानी से सीखे और नियमित प्रयोग में लिए।
-लोगों के बीच बनाई जगह पतंजलि योग समिति व गुजरात राज्य योग बोर्ड ने कोरोना काल में योग-प्राणायाम के माध्यम से जन-जन के बीच गहरी पैठ बनाई है। योग प्रशिक्षकों ने कोविड आइसोलेशन सेंटर में जाकर कोरोना मरीजों को शीघ्र स्वस्थ होने के कई टिप्स भी बताए हैं।
सुरेश सुथार, सूरत जिला कोच, गुजरात राज्य योग बोर्ड -अब तो एक घर छोड़ दूसरे घर योग कोरोना काल में योग-प्राणायाम के बारे में यूं कहे तो ज्यादा बेहतर रहेगा कि इसकी पैठ एक घर छोड़ दे तो दूसरे घर के लोगों के बीच अवश्य हो गई है। ऐसी स्थिति में अकेले सूरत महानगर में लाखों लोग नियमित योग-प्राणायाम करते हो गए हैं।