अर्जुन मोढवडिया मंगलवार को सूरत आए थे। सिविल अस्पताल के कोविड-19 वार्ड का दौरा कर उन्होंने स्थितियां समझीं और मरीजों से बात कर हालात जाने। चिकित्सकों के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि सिविल अस्पताल आने वाले सभी मरीजों को भर्ती किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना से निपटने में सिस्टम पूरी तरह फेल रहा है। राज्य सरकार लोगों को इलाज देने और कोरोना पर काबू पाने में विफल साबित हुई है। सूरत शहर और राज्य में अस्पताल ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे हैं और राज्य सरकार पर्याप्त ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं कर पाई है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कोरोना से निपटने की जगह भाजपा ने राजनीति करने पर ही फोकस किया। जब अस्पतालों में रेमडेसिवर इंजेक्शन की किल्लत थी और लोग इंजेक्शन के अभाव में जान गंवा रहे थे, सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए प्रदेश भाजपा प्रमुख सीआर पाटिल ने रेमडसिवर इंजेक्शन का भाजपा कार्यालय पर वितरण शुरू करा दिया। भाजपा को कोरोना संक्रमितों की मदद करनी थी तो यह इंजेक्शन अस्पतालों को मुहैया कराए जाने थे। असली सुपर स्प्रेडर्स भाजपा नेता हैं और सरकार मौत के आंकड़े छिपा रही है। एक वर्ष में भी सरकार कोरोना से निपटने के लिए बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार नहीं कर पाई। इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री तुषार चौधरी, जिला कांग्रेस अध्यक्ष एवं विधायक आनंद चौधरी, सूरत मनपा के पूर्व नेता विपक्ष प्रफुल्ल तोगडिय़ा, पूर्व शहर प्रमुख हंसमुख देसाई, फिरोज मालेक, असलम साइकिलवाला, दर्शन नायक, नीलेशभाई कुंभानी, किरण रायका मौजूद रहे।