केवडिया में साधु टेकरी पर विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टेच्यू ऑफ यूनिटी बन रही है। इसी के बगल में भारत भवन का भी निर्माण हो रहा है जिसका जमीन देने वाले प्रभावितों की ओर से विरोध किया जा रहा है। विस्थापितों का कहना है कि छह गांवों की समस्या को दूर नहीं किया जा रहा है। विस्थापितों के लिए बनाई गई कॉलोनी में सुविधाएं ही उपलब्ध नहीं है। प्रभावितों को अभी तक नौकरी नहीं दी गई है। कई वर्षों से जमीन गंवाने वाले लोगों की समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम का विरोध रोकने के लिए शिक्षा मंत्री भूपेन्द्र सिंह चूडास्मा और ग्राम विकास मंत्री बचू खाबड़ ने प्रभावितों के साथ केवडिया में बैठक की।
बैठक में मंत्री भूपेन्द्र सिंह चूडास्मा ने विस्थापितों को आश्वासन दिया कि आने वाले दिनों में ५०० टेंट सिटी बनाया जाएगा। स्टेच्यू बनने के बाद यहां चौकीदार और चपरासी की नौकरी विस्थापितों को दी जाएगी। स्टेच्यू ऑफ यूनिटी में गाइड के रूप में स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार दिया जाएगा। विस्थापितों की कॉलोनी में 89 करोड़ रुपए की लागत से जलापूर्ति लाइन बिछाई जाएगी। उधर, सरकार की इस घोषणा को विस्थापितों ने लॉलीपॉप करार दिया।