इनमें बताया गया है कि मादक पदार्थो से जुड़े मामलों में पुलिस कुछ शर्तो के साथ अपने महकमें के अलावा विभिन्न सरकारी कर्मचारियों को पंच बनाएगी। खास कर तृतीय श्रेणी के वरिष्ठ कर्मचारियों को, ताकी कोर्ट में वे प्रभावी ढंग से अपनी बात रख सके। फिक्स वेतन वाले कर्मचारियों को पंच नहीं बनाया जा सकेगा। जिन कर्मचारियो को पंच बनाया जाए वे निष्पक्ष हो, किसी तरह के प्रभाव या दबाव में नहीं होने चाहिए।
साथ ही विभिन्न सरकारी महकमों को भी निर्देश दिया गया है कि वे पुलिस व जांच एजेन्सी को पंच उपलब्ध करवाने में सहयोग करेंगे। जो सरकारी कर्मचारी पंच की कार्रवाई में होंगे, उन्हें अपने विभाग में सेवारत माना जाएगा। उन्हें छुट्टी पर नहीं माना जाएगा।