गोडादरा क्षेत्र मे आयोजित श्रीरामकथा में बुधवार को व्यासपीठ से अयोध्या के प्रभाकर मिश्र पद्मेश महाराज ने बालभक्त ध्रुव के चरित्र पर प्रकाश डाला। महाराज ने बताया कि एक बार मनु सतरूपा की कठिन तपस्या से प्रसन्न होकर प्रभु ने अवतार धारण किया। राजा मनु के प्रियव्रत, उत्तानपाद तेजस्वी पुत्र व देवहुति पुत्री थी। इनके घर कपिल भगवान का अवतार हुआ और ध्रुव जैसे भक्त पौत्र रूप में पैदा हुए। भगवद् कृपा से मनु सतरूपा अगले जन्म में महाराज दशरथ एवं कौशल्या के पुत्र के रूप में श्रीराम के रूप में अवतरित हुए। कथा के दौरान श्रीराम का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। कथा के दौरान आयोजक समिति के अध्यक्ष बालेंदु शुक्ला, शिवकुमार पांडेय, अजय द्विवेदी, हरेंद्र शुक्ला, मोहन मिश्र समेत अन्य मौजूद थे।