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GSEB : विज्ञान वर्ग की 9वीं-11वीं परीक्षा के नए नियम जारी

locationसूरतPublished: Aug 30, 2018 08:14:31 pm

– कक्षा में 100 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य

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GSEB : विज्ञान वर्ग की 9वीं-11वीं परीक्षा के नए नियम जारी

सूरत.

गुजरात माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने वर्ग बढ़ोतरी के नियमों में बदलाव किया है। विज्ञान वर्ग की 9वीं और 11वीं कक्षा की परीक्षा के नए नियम जारी किए गए हैं। विद्यालयों को नए नियमों के अनुसार प्रथम, द्वितीय और वार्षिक परीक्षा आयोजित करने का निर्देश दिया गया है।
गुजरात बोर्ड ने 9वीं और 11वीं की परीक्षा के नियमों में बदलाव किया है। प्रथम परीक्षा 50, द्वितीय परीक्षा 50 और वार्षिक परीक्षा 80 अंकों की होगी। आंतरिक मूल्यांकन 20 गुणों का होगा। सैद्धांतिक परीक्षा 40, प्रायोगिक परीक्षा 40 और आंतरिक परीक्षा 20 अंक की होगी। परीक्षा पास करने के लिए 33 प्रतिशत जरूरी होंगे। विद्यार्थियों को पास होने के लिए 1 से 15 अंकों का ग्रेस दिया जा सकेगा। दुर्घटना या बीमारी के कारण परीक्षा में उपस्थित नहीं होने वाले विद्यार्थियों को नए नियमों में राहत दी गई है। ऐसे विद्यार्थियों के अन्य परीक्षाओं के अंकों को ध्यान में रख प्राचार्य उसे पास कर सकेंगे। विद्यार्थियों की कक्षा में 100 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य की गई है। 15 प्रतिशत छुट्टियों पर प्राचार्य, 15 से 25 प्रतिशत पर जिला शिक्षा अधिकारी और 26 प्रतिशत से अधिक छुट्टियों पर छूट के लिए बोर्ड से अनुमति लेनी होगी। सभी विषयों की परीक्षा के आधार पर विद्यार्थी को वर्ग बढ़ोतरी दी जाएगी। गुजरात बोर्ड ने स्कूलों के लिए 9वीं और 11वीं की परीक्षा और वर्ग बढ़ोतरी की रूपरेखा जारी कर दी है।

प्रायोगिक परीक्षा गुजरात बोर्ड ही लेगा
इस संदर्भ में बोर्ड ने आधिकारिक सूचना जारी कर दी है। शैक्षणिक सत्र 2018-19 में प्रायोगिक परीक्षा गुजरात बोर्ड ही लेगा। अब तक इस परीक्षा का जिम्मा स्कूलों के पास था। स्कूल अपनी सुविधा के अनुसार प्रायोगिक परीक्षा आयोजित करते थे और बोर्ड को विद्यार्थियों के अंक भेज देते थे। इन अंकों को लिखित परीक्षा के अंकों से साथ जोड़कर परिणाम जारी किया जाता था, लेकिन अब 12वीं के मुख्य विषय जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान और भौतिक विज्ञान की प्रायोगिक परीक्षा बोर्ड की ओर से ली जाएगी। इसके लिए बोर्ड अलग से परीक्षा केन्द्रों की व्यवस्था करेगा। परीक्षा के लिए विद्यार्थियों के अलग-अलग बैच बनाए जाएंगे। बोर्ड ने स्कूलों को इस बारे में सभी विद्यार्थियों को सूचित करने के निर्देश दिए हैं। बोर्ड प्रायोगिक परीक्षा केन्द्रों पर तीन निरीक्षकों की नियुक्ति करेगा। परीक्षा देने वाले विद्यार्थी को प्रयोगों की जनरल साथ रखनी होगी। इस जनरल में सालभर किए गए प्रयोग लिखे होंगे। विद्यार्थी को जनरल निरीक्षक को सौंपना होगी।
दोबारा मौका नहीं मिलेगा
गुजरात बोर्ड ने साफ कर दिया है कि प्रायोगिक परीक्षा में अगर कोई विद्यार्थी अनुपस्थित रहा तो उसकी अलग से परीक्षा नहीं ली जाएगी। किसी भी हालत में उसे प्रायोगिक परीक्षा देने का दूसरा अवसर नहीं मिलेगा।
परीक्षा का प्रारूप जारी
बोर्ड लिखित परीक्षा का प्रारूप जारी करता है, जिससे विद्यार्थी को प्रश्नपत्र के बारे में जानकारी रहे। उसी तरह बोर्ड ने प्रायोगिक परीक्षा का भी प्रारूप जारी किया है। प्रायोगिक परीक्षा 50 अंक की होगी। इसमें पांच प्रश्न होंगे। पहला प्रश्न 10 अंक, दूसरा 7 अंक, तीसरा 5 अंक और चौथा 24 अंक का होगा। पांचवा प्रश्न 4 अंक का होगा, जो प्रयोग पोथी के लिए दिए जाएंगे। सभी चार प्रश्नों की प्रयोगों पर आधारित मौखिक परीक्षा होगी।
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