डीजीजीआई ने जीएसटी स्कैमर्स पर बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू की है। इसके तहत बुधवार को सूफियान कपाडिय़ा को गिरफ्तार किया गया है। सूरत के जीएसटी विभाग को प्रधान मंत्री कार्यालय से इनपुट मिला था कि दुबई और पाकिस्तान के रास्ते कुछ बैंकों में विदेशी फंड सूरत आ रहा है। जांच के दौरान सूफियान कपाडिय़ा का नाम सामने आया था। उसने विभिन्न फर्जी कंपनियों के नाम से फर्जी खाते खोले थे। इन खातों में सूफिय़ान कपाडिय़ा ने कपड़े और रंग-रसायन के साथ विदेशों में रंगों को बेचने के नाम पर पैसे मंगाए थे। जांच के दौरान इस तरह की कोई खरीद-बिक्री नहीं हुई थी। इस मामले में आगामी दिनों में ईडी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच भी शुरू कर सकता है।
किस कंपनी के खाते में कितने रुपए ट्रांसफर किए गए? कंपनियों को सूफियान कपाडिय़ा द्वारा विभिन्न नामों के तहत पंजीकृत किया गया था। साथ ही, कुछ बैंकों में गैर-जीएसटी पंजीकृत कंपनियों के चालू खाते खोले गए। डीजीजीआइ ने सभी बैंक खातों का विवरण प्राप्त कर लिया है। एसएस निगम और सानिया ट्रेडर्स के कार्यालय नानपुरा स्टार आर्केड की छठी मंजिल पर दिखाए गए थे। हालांकि दोनों कंपनियों ने जीएसटी पंजीकरण नहीं कराया था, लेकिन 7.97 करोड़ रुपये स्थानांतरित किए थे। इसी तरह क्रिस्टल एंटरप्राइज के नाम से भी एक खाता खोला गया था। इसमें 8.91 करोड़ रुपए का लेनदेन हुआ। बताया गया कि सूफियान कपाडिय़ा को 21 फरवरी में बंधन बैंक, भागातलाव की आईडीबीआई बैंक और लालगेट की प्राइम बैंक के खातों के विवरण के आधार पर समन जारी किया था। उसके बाद से ही वह फरार चल रहा था।
गरीब और मध्यम वर्ग को दिया धोखा सूफियान कपाडिय़ा ने चौकबाजार, भागातलाव और कोसाड के गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों के आधार कार्ड और पैन कार्ड लेकर उनके नाम पर जीएसटी में 12 कंपनियों को पंजीकृत किया था। 12.22 करोड़ रुपए के फर्जी इनपुट टैक्स के्रडिट हासिल किए थे। सूफियान ने विभाग को बताया था कि उसने बिना जीएसटी बिल के सिगरेट, टेलीफोन उपकरण और जूते बेचे थे, जिससे उसे 21 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी।