– 2012 के बाद 12 से 16 हुई सीटें :
2002 से 2007 में सूरत जिले में 12 विधानसभा सीटें थी। 2012 में तापी जिला अलग होने पर व्यारा, निजर और सोनगढ़ सीटों को सूरत जिले से अलग कर दिया गया। इसके अलावा नई 6 सीटें मजूरा, वराछा, लिंबायत, उधना, मांडवी और करंज सीटों को सूरत जिले में शामिल किया गया। 2012 में सूरत जिले की सीटों की संख्या बढ़कर 16 हो गई। सीटों की संख्या के साथ मतदाताओं की भी संख्या बढ़ी है, लेकिन पिछले दो चुनावों में मतदान का औसत 66 से 70 प्रतिशत के आसपास रहा है। 2012 के मुकाबले 2017 में 2.79 प्रतिशत मतदान कम हुआ था। इस मतदान प्रतिशत को बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग ने बच्चों से लेकर बुजुर्गो को जागरूक करने में किसी तरह की कसर नहीं छोड़ी।
– सूरत जिले में कब- कितने प्रतिशत मतदान
2002 49.72
2007 58.53
2012 69.58
2017 66.79
– 16 सीटें सूरत जिला :
47,45,980 कुल वोटर पंजीकृत
168 प्रत्याशी दलों व निर्दलीय मिलाकर
4637 पोलिंग स्टेशन
– मैं मतदान करूंगा :
GUJARAT ELECTION 2022 मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए मतदान केंद्रों को आकर्षक बनाया गया है। निर्वाचन विभाग का मानना है कि इन्हें देखने के बहाने ही सही, मतदाता मतदान करने आएंगे। सूरत जिले के सभी मतदान केद्रों को रंगोली और रंगों से सजाया गया है। सखी मतदान केंद्र को गुलाबी रंग तो ईको फ्रेंडली मतदान केंद्र को फूलों से सजाया गया है। मजूरा क्षेत्र के सेंट जेवियर्स स्कूल परिसर में विद्यार्थियों ने मतदाताओं के स्वगत के लिए रंगोली बनाई है। पर्यावरण संरक्षण और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण के अनुकूल बनाए गए इको फ्रेंडली मतदान केंद्रों में पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते पोस्टर-बैनर लगाने के साथ ही हरी थीम वाले टेबल डेकोरेशन, गुब्बारों, फूलों और पौधों का सहारा लिया गया है। वेसू के अग्रवाल विद्याविहार स्कूल के छात्र लक्ष्य मित्तल ने मतदान जागरुकता का संदेश देने के लिए अपने चेहरे पर तिरंगे का रंग लगाकर ’मैं मतदान करूंगा- 1 दिसंबर’ लिखा है।