पिछले दिनों प्रदेश की महानगर पालिकाओं, नगर पालिकाओं और पंचायतों के चुनाव हुए थे। मनपा के परिणाम पहले ही घोषित हो गए थे और पालिका व पंचायत चुनाव परिणाम मंगलवार को मतगणना के बाद जारी हुए थे। यूं तो गुजरातभर में इन चुनावों में भाजपा का परचम लहराया था, लेकिन दक्षिण गुजरात ने मनपा, पालिका व पंचायतों में विपक्ष को न्यूनतम संख्या में समेट भाजपा सरकार के कामकाज पर भरोसा जताया था। सूरत मनपा को मतदाताओं ने कांग्रेस मुक्त कर दिया था। पंचायत चुनावों के ठीक एक दिन बाद बुधवार को राज्य सरकार ने प्रदेश का बजट पेश किया।
निकाय चुनावों में मिली जीत से उत्साहित राज्य सरकार ने राहतों भरा बजट पेश किया। दक्षिण गुजरात से भाजपा को मिले समर्थन का फायदा भी मिला। राज्य सरकार ने प्रदेश में दो टैक्सटाइल पार्क का ऐलान करते हुए 15 सौ करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। तय है कि इनमें से एक टैक्सटाइल पार्क सूरत के हिस्से आना है। इसके अलावा भरुच को राज्य सरकार ने फार्मा और केमिकल जोन घोषित किया है। यहां फार्मा और केमिकल उद्योगों का फायदा मिलेगा। सूरत के सिविल अस्पताल में किडनी अस्पताल का ऐलान भी बजट में किया गया है। इसका लाभ सूरत समेत दक्षिण गुजरात और प्रदेश से सटे महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश व अन्य राज्यों के लोगों को भी होगा।
इसके अलावा एमएसएमइ के लिए भी राज्य सरकार ने तिजोरी खोली है। गुजरात की 60 फीसदी एमएसएमइ सूरत समेत दक्षिण गुजरात में है। डांग को केमिकल उत्पाद मुक्त जोन घोषित करने के राज्य सरकार के ऐलान को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। राज्य सरकार ने स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के लिए 652 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। साथ ही केवडिया के आसपास 50 वर्गकिमी क्षेत्र में कमल पार्क बनाने का ऐलान किया है। इससे स्टेच्यू ऑफ यूनिटी और आसपास के क्षेत्र में पर्यटन की संभावनाएं बेहतर होंगी। दक्षिण गुजरात चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के मुताबिक चैम्बर ने राज्य सरकार से जो अपेक्षाएं रखी थीं, अधिकांश को बजट में जगह मिली है। चैम्बर प्रमुख दिनेश नावडिया ने इसे विकास परक बजट बताया।