माना जाता है कि हर चार में से एक गुजराती शेयर बाजार या किसी न किसी फंड में निवेश करता ही है। जनवरी 2022 की ताजी रिपोर्ट के मुताबिक इसे ऐसे समझा जा सकता है कि म्यूचल फंड में गुजरात का इन्वेस्टमेंट 2,66,600 करोड रुपए है। इसमें 61% इक्विटी और 39% नॉन इक्विटी में निवेश है। हालांकि जनसंख्या और क्षेत्रवार महाराष्ट्र व कर्नाटक का भी आंकड़ा बड़ा है। इसमें महाराष्ट्र में एक बड़ा वर्ग भी गुजरात के निवेशकों व कंपनियों का है। इससे शेयर मार्केट में गुजराती निवेशकों का अंदाजा लगाया जा सकता है।
दो राज्यों में इसलिए ज्यादा झटका :
महाराष्ट्र और गुजरात ही दो ऐसे राज्य हैं, जहां निवेशकों का आंकड़ा करोड़ में है। इसलिए रूस-यूक्रेन के तनाव का भारी झटका नए निवेशक और युवाओं को अधिक लगा। महाराष्ट्र में करीब 1.9 करोड़ तो गुजरात में 1.01 करोड़ निवेशक रजिस्टर्ड हैं। इनके बाद 72.4 लाख निवेशकों के साथ उत्तरप्रदेश ने सबको चौका दिया है।
डिमैट अकाउंट में भी गुजरात आगे
देश में 8 करोड़ से अधिक डिमैट अकाउंट सक्रिय हैं। बीते 2 वर्षों में डिमैट अकाउंट की संख्या में दोगुना इजाफा हुआ है। बीएसई के अनुसार, 2021 तक देश में साढ़े सात करोड़ से अधिक डीमेट एकाउंट थे। जिसमें 85.9 लाख खाते गुजरात से थे। गुजरात के बाद उत्तरप्रदेश से 52.3 लाख, तमिलनाडु 42.3 लाख और कर्नाटक से 42.2 लाख खाते थे।
खुदरा निवेशकों में सबसे बड़ा युवा वर्ग
– साल 2020 में खुदरा निवेशकों की संख्या में एक करोड़ की वृद्धि हुई।
– वर्ष 2021 में तो नए डिमैट अकाउंट खुलने की संख्या चार लाख से बढ़कर 20 लाख प्रति माह हो गई। इसमें 75 प्रतिशत 30 साल से कम उम्र वर्ग के हैं।
– वर्ष 2022 आते-आते तो गुजरात में यह हाल है कि लगभग हर 10 युवाओं में से 6 युवाओं के मोबाइल में शेयर ब्रोकर ट्रेडिंग एप मिलेगा ही।
पढ़ाई या जेबखर्च के लिए भी लगा रहे
जल्द पैसा कमाने, पढ़ाई या जेबख़र्च निकालने के लिए गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली, मुंबई, चैन्नई, बेंगलुरू जैसे महानगरों व छोटे शहरों के युवा 5000 रुपए से भी ब्रोकिंग एप में पैसा लगा रहे हैं। वे थोड़ा सा भी फायदा होने पर निकाल लेते हैं। लॉन्ग टर्म निवेशक भी अब बैंकों या रियल स्टेट में निवेश करने की बजाय स्टॉक्स एंड शेयर्स को पसंद कर रहे हैं।
50 से 60% पकड़ गुजरातीयों की
डिमैट अकाउंट की संख्या तो एक पैरामीटर है। किसी के पास एक से ज्यादा डिमैट अकाउंट भी हो सकते हैं। गुजरात व्यवसायिक लोगों का प्रदेश है तो निवेश भी अधिक है। शेयर मार्केट व अन्य फंड में गुजरातियों की पकड़ 50 से 60% है। महाराष्ट्र के जो अधिक आंकड़े हैं, उनमें भी इंस्टिट्यूशन कंपनियां व निवेशक अधिकांश गुजरात के बाय डिफॉल्ट रजिस्टर्ड हैं। मार्केट पर युवाओं का रुझान बहुत बढ़ा है।
– नरेंद्र सिंह, मार्केट एक्सपर्ट एंड ब्रोकर, सूरत।