जानकारी के अनुसार हॉलमार्किंग के नए प्रावधान को चरणबद्ध तरीके से लागू किया गया है। आभूषणों पर हॉलमार्किंग के चार मुहर लगाए जाते हैं। मसलन, 22 कैरेट के लिए 916, 18 कैरेट के लिए 750 तथा 14 कैरेट के लिए 585 और 14 के की मुहर का निशान रहता हैं। इन पर बीएसआई, आभूषणों की शुद्धता, एसेइंग केन्द्र की पहचान, ज्वैलर्स की मुहर रहती है। दानह में ज्वैलर्स के 50 से अधिक शोरूम हैं। औद्योगिक इकाइयों के कारण प्रदेश में गहनों की अच्छी बिक्री होती हैं।
आभूषण बनाने के लिए स्थानीय कारीगरों के अलावा मुंबई के कारीगरों की सेवा ली जाती है। सरकार ने 16 जून से अनिवार्य हॉलमार्किंग का नियम लागू करने का ऐलान कर दिया है। ऐसे में गोल्ड कारोबारियों का कहना है कि गत वर्ष मार्च 2020 से कोविड महामारी से उपजे हालात और पाबंदियों के चलते बड़ी तादाद में ज्वेलर अपने स्टॉक में पड़े बिना हॉलमार्किंग वाले गोल्ड स्टॉक का निपटान नहीं कर पाए हैं। स्टॉक में पड़े गैर हॉलमॉर्किंग की ज्वेलरी के निपटान में एक वर्ष का समय और चाहिए।