scriptजमकर की मेहनत, दिल्ली में भी हारी ‘सूरत’ | Hard work, lost 'Surat' in Delhi as well | Patrika News

जमकर की मेहनत, दिल्ली में भी हारी ‘सूरत’

locationसूरतPublished: Feb 11, 2020 08:39:12 pm

Submitted by:

Dinesh Bhardwaj

सांसद-विधायक समेत सूरत के कई भाजपा कार्यकर्ताओं ने संभाली थी दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रचार की कमान

seoni

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सूरत.
इसे संयोग कहें कि फिर कुछ और…लेकिन जो भी हो सूरत के भाजपा कार्यकर्ताओं को गत छह वर्षों से चुनाव प्रचार में बहाए पसीने की सही कीमत नहीं मिल पाई है। छह वर्ष पहले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से शुरू हुई जमकर मेहनत और निराशाजनक परिणाम का सिलसिला मंगलवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणाम में भी बदस्तूर जारी रहा। सूरत के कार्यकर्ताओं ने सांसद, विधायक व संगठन के पदाधिकारियों के नेतृत्व में दिल्ली की कृष्णनगर विधानसभा में पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में जमकर मेहनत की, लेकिन मंगलवार अपराह्न बाद घोषित चुनाव परिणाम में उन्हें निराशा ही हाथ लगी है।
भाजपा संगठन में एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश में चुनाव प्रचार में मदद करने की परम्परा वर्षों पुरानी है, लेकिन गुजरात में इसे देशव्यापी रूप करीब पांच वर्ष पहले नवसारी के भाजपा सांसद सीआर पाटिल ने बिहार विधानसभा चुनाव में सहप्रभारी के रूप में कमान संभालकर दिया। इसमें उन्होंने सूरत से पार्टी कार्यकर्ताओं को ही नहीं बल्कि कपड़ा व्यापारियों को भी चुनाव प्रचार में झोंका। हालांकि इससे पहले सूरत समेत गुजरात के कार्यकर्ता पडौसी राज्य राजस्थान, महाराष्ट्र में जाकर चुनाव प्रचार अवश्य करते रहे है, लेकिन बिहार इस मामले में नया प्रयोग था। बिहार में कई दिन तक कई कार्यकर्ताओं के साथ चुनाव प्रचार में मेहनत के बाद सौंपी गई 29 विधानसभा सीट की जिम्मेदारी में से सूरत के कार्यकर्ता 11 सीट पर पार्टी प्रत्याशियों को जिताने में सफल रहे, लेकिन यहां भाजपा की सरकार नहीं बन पाई। इसके बाद दो वर्ष पूर्र्व कर्नाटक व मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में भी सूरत से कई कार्यकर्ता पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार के सिलसिले में निर्धारित विधानसभा क्षेत्र में पहुंचे और बड़ी जिम्मेदारी के सामने मामूली सफलता हाथ लगी, लेकिन सत्ता फिर भाजपा के हाथ फिसलकर विपक्ष को मिल गई। सूरत से भाजपा कार्यकर्ताओं का अन्यत्र प्रदेश के विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार करने का सिलसिला राजस्थान, हरियाणा, झारखंड आदि प्रदेश में भी जारी रहा और सभी जगहों पर आंशिक सफलता और बड़ी निराशा ही उन्हें भरसक मेहनत के बावजूद हाथ लगी।

एक विधानसभा और यह लवाजमा


दिल्ली विधानसभा चुनाव में कृष्णनगर सीट पर भाजपा प्रत्याशी डॉ. अनिल गोयल के समर्थन में सूरत से पार्टी कार्यकर्ता दो-चार दिन नहीं बल्कि दस दिन से ज्यादा जमकर मेहनत किए। इस दौरान वे सांसद सीआर पाटिल, विधायक झंखना पटेल व संगीता पाटिल, प्रदेश मंत्री दर्शिनी कोठिया समेत अन्य नेताओं के नेतृत्व में गली-गली घूमे, माइक्रो बूथ मैनेजमेंट, मंडल, वार्ड, बूथ व पन्ना प्रमुखों से सम्पर्क किया, फिर भी मंगलवार को मतगणना के निर्णायक दौर में भाजपा प्रत्याशी को शिकस्त मिलने से उन्हें निराशा ही हाथ लगी है।

इनका भी मिला था सहयोग


दिल्ली विधानसभा चुनाव में कृष्णनगर सीट पर भाजपा प्रत्याशी के डॉ. अनिल गोयल के समर्थन में सूरत से गए पार्टी कार्यकर्ताओं को राजस्थान से आए कार्यकर्ताओं का भी सहयोग मिला था। उक्त सीट पर प्रवासी प्रभारी के रूप में राजस्थान अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश चंदेल व सहप्रभारी टोंक जिला भाजपा के पूर्व महामंत्री नरेश बंसल भी गत 15 जनवरी से ही सक्रिय थे। इन सबके अलावा भी कृष्णनगर सीट पर भाजपा के कई बड़े नेता व केंद्रीय मंत्री तक समय-समय पर प्रचार के लिए आए थे।
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