अधिवक्ता डॉ.लाहोटी ने बताया कि सूरत विश्व में टैक्सटाइल सिटी (Textile city) के तौर पर जाना जाता है, ऐसे में सूरत की इस पहचान को अधिक ऊंचाई पर ले जाया जा सके इसलिए उन्होंने कपड़े पर दस्तावेज बनाने का निर्णय किया। इसके लिए उन्हें संपत्ति के खरीदार चाहिए था। उन्होंने सूरत के बिल्डर एवं कपड़ा उद्यमी संजय बाबूलाल सुराना से संपर्क किया और कपड़े पर दस्तावेज बनाने का प्रस्ताव रखा। संजय सूराना भी इसके लिए तैयार हो गए।
कपड़े पर डिजिटल प्रिन्ट से उकेरे शब्द कपड़े पर दस्तावेज बनाने के लिए खास तरीके के कपड़े का उपयोग किया गया। इस पर अक्षर डिजिटल प्रिन्ट (Digitle print) के जरिए उकेरे गए है। सांई प्रिन्ट्स के रोहीत कपूर ने इस दस्तावेज को तैयार किया है और दस्तावेज का सौंदर्य का कार्य डिजाइनर अनुराधा कपील सोमानी की ओर से किया गया। करीब दो महीने का समय उन्हें लगा।
कानून तौर पर प्रमाणित
अधिवक्ता डॉ.लाहोटी ने बताया कि कपड़े पर अब तक विश्व (World record) में कही पर भी संपत्ति दस्तावेज (Sell did) नहीं बनाया गया था, ऐसे में उनके लिए यह कार्य मुश्किल भरा जरूर था। कानूनी (Law) तौर पर इसे प्रमाणित करने के लिए प्रशासन से मंजूरी लेना अनिवार्य था। जिला कलक्टर के समक्ष प्रस्ताव रखने के बाद कलक्टर से लेकर सब रजिस्टार कार्यालय से इसके लिए मंजूरी मिल गई। करीब तीन से चार महीने वक्त कानूनी प्रक्रिया के लिए लगा और दस्तावेज तैयार किया गया।
पहले भी बना चुके है अनोखे दस्तावेज
अधिवक्ता डॉ. अरूण लाहोटी इससे पहले 2 मार्च, 2010 में संस्कृत में भारत (India) का पहला दस्तावेज बना चुके है। इसके अलावा वर्ष 2016 में ताड़पत्र खुदाई से दस्तावेज बनाया था। वहीं गुजरात(Gujarat) में पहली बार हिन्दी में दस्तावेज बनाने की सिद्घि भी लाहोटी के नाम दर्ज है।