शहर में बीते कुछ दिनों से संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं। इसे देखते हुए स्वास्थ्य सचिव जयंती रवि इन दिनों सूरत में हैं। मंगलवार को अधिकारियों से शहर में कोरोना की स्थिति समझी थी और भविष्य की तैयारियों पर चर्चा की थी। साथ ही निजी अस्पतालों के संचालकों से मिलकर कोरोना के इलाज के लिए उनकी तैयारियों पर बात की थी। उन्होंने निजी अस्पतालों के संचालकों को कोविड-19 के उपचार के लिए तय गाइडलाइन के मुताबिक व्यवस्था करने की हिदायत दी थी।
स्वास्थ्य सचिव ने शहर में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के लिए हीरा कारखानों को जिम्मेदार ठहराया था। बुधवार को उन्होंने कतारगाम समेत कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित नंदू दोशी की वाडी, अमरोली-रघुवीर सोसायटी, वराछा सुदामा चौक समेत अन्य क्षेत्रों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने वहां किए गए उपाय जाने और लोगों से भी बातचीत की। अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में संक्रमण पर काबू पाने के लिए अब तक किए गए उपायों और उसके परिणामों की समीक्षा की।
गौरतलब है कि लिंबायत के बाद कतारगाम क्षेत्र में कोरोना संक्रमण का प्रभाव सबसे ज्यादा है। कतारगाम क्षेत्र में तो संक्रमितों का आंकड़ा एक हजार को भी पार कर गया है। लिंबायत और कतारगाम के लिए मनपा प्रशासन ने आइलैंड स्ट्रेटेजी पर अमल किया था। उसके बावजूद संक्रमण पर प्रभावी रोक नहीं लग पाई है। अनलॉक 1.0 के बाद हीरा कारखानों से संक्रमितों के मिलने का सिलसिल अब तक जारी है। बीते दिनों शहर में मिले संक्रमितों में 30 फीसदी से ज्यादा हीरा कारखानों से संबद्ध हैं।