scriptसवा पांच सौ वर्ष बाद बनेगा फिर दीक्षा का इतिहास | History of initiation will be made again after five hundred and fifty | Patrika News

सवा पांच सौ वर्ष बाद बनेगा फिर दीक्षा का इतिहास

locationसूरतPublished: Jan 20, 2020 09:28:43 pm

Submitted by:

Dinesh Bhardwaj

84 वर्षीया मुमुक्षू के अलावा दस वर्षीय मुमुक्षू समेत 71 मुमुक्षू संयम मार्ग का विधिविधान से अंगीकार करेंगे। इस दौरान हजारों लोग मौजूद रहेंगे

सवा पांच सौ वर्ष बाद बनेगा फिर दीक्षा का इतिहास

सवा पांच सौ वर्ष बाद बनेगा फिर दीक्षा का इतिहास

सूरत. करीब सवा पांच सौ वर्ष बाद एक साथ 71 मुमुक्षू सूरत जिनाज्ञा ट्रस्ट की ओर से आयोजित पांच दिवसीय रत्नत्रयी समर्पणोत्सव के दौरान एक फरवरी को जैन भागवती दीक्षा ग्रहण कर संयम मार्ग का वरण करेंगे। दीक्षा महोत्सव श्रीमद्विजय रामचंद्र सुरीश्वर महाराज समुदाय के आचार्य विजय श्रेयांशप्रभ सुरीश्वर महाराज समेत अन्य कई संतवंृद के सानिध्य में वेसू के बलर हाउस में आयोजित किया जाएगा।
इस आशय की जानकारी देते हुए महाराज ने सोमवार शाम गोपीपुरा के श्रीमद्विजय रामचंद्र सुरीश्वर आराधना भवन में बताया कि जैनशासन में इतनी बड़ी संख्या में मुमुक्षुओं की दीक्षा का आयोजन सवा पांच सौ वर्ष पहले ईडर में अकबर के शासनकाल में हुआ था। आयोजक ट्रस्ट ने बताया कि महोत्सव की शुरुआत 28 जनवरी को संतवृंद की स्वागत यात्रा से होगी और बाद में 29 को सामूहिक अष्टप्रकारी पूजा, 30 को विदाई समारोह और 31 जनवरी को सभी मुमुक्षुओं की सामूहिक वर्षीदान यात्रा सुबह साढ़े आठ बजे से निकाली जाएगी। इसके बाद अगले दिन एक फरवरी को तडक़े साढ़े चार बजे से दीक्षाविधि शुरू होगी जिसमें 84 वर्षीया मुमुक्षू के अलावा दस वर्षीय मुमुक्षू समेत 71 मुमुक्षू संयम मार्ग का विधिविधान से अंगीकार करेंगे। इस दौरान हजारों लोग मौजूद रहेंगे। एक फरवरी को शहर में 71 मुमुक्षुओं की दीक्षा के अलावा पाल में आचार्य यशोविजय सुरी के सानिध्य में 20, रामपावनभूमि में आचार्य अभयदेव सुरी के सानिध्य में 5 मुमुक्षू दीक्षा ग्रहण करेंगे।

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