scriptGujarat/ गुजरात में गृहक्लेश और बीमारियां आत्महत्या की बड़ी वजह | Home troubles and illnesses are a major cause of suicide in Gujarat | Patrika News

Gujarat/ गुजरात में गृहक्लेश और बीमारियां आत्महत्या की बड़ी वजह

locationसूरतPublished: Dec 01, 2020 12:04:39 am

एक साल में कुल 7655 आत्महत्या के मामलों में 2139 लोगों ने पारिवारिक समस्या तो 1638 ने बीमारी से तंग आकर जान द,बेरोजगार और गरीबी के कारण आत्महत्या करने वालों की संख्या महज 325

Gujarat/ गुजरात में गृहक्लेश और बीमारियां आत्महत्या की बड़ी वजह

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सूरत. आत्महत्या के मामले गुजरात में लगातार बढ़ते जा रहे हैं। अमूमन माना जाता है कि अधिकतर लोग आर्थिक तंगी , प्रेम प्रकरण या बेरोजगारी के कारण आत्महत्या कर रहे हैं, लेकिन गुजरात सरकार ने जारी किए आंकड़ें कुछ और ही कहानी बयां कर रहे है। गुजरात में आत्महत्या की सबसे बड़ी वजह परिवारिक समस्याएं और बीमारियां होने का सामने आया है। वर्ष 2019 में हुए आत्महत्या के कुल 7655 मामलों में से 2139 लोगों ने पारिवारिक समस्या के कारण और 1638 ने बीमारी से तंग आकर जान दे दी।
गुजरात में आए दिन कहीं से न कहीं से आत्महत्या की खबरें सामने आती रहती है। इन घटनाओं की जांच में पुलिस आत्महत्या की वजह से लेकर मृतक की शिक्षा, व्यवसाय आदि को भी रिपोर्ट में दर्ज करती है। गुजरात सरकार के रिकॉर्ड के मुताबिक वर्ष एक साल में गुजरात में कुल 7655 लोगों ने आत्महत्या की। इन घटनाओं के मामले में किए गए विश्लेषण के मुताबिक कुल आत्महत्या की घटनाओं में से 2139 लोगों की आत्महत्या की वजह 2139 और 1638 लोगों ने की आत्महत्या की वजह बीमारी से तंग आना था। वहीं गरीबी यानी आर्थिक तंगी के कारण 106, बेरोजगारी के कारण 219, प्रेम प्रकरण में 495, शादी को लेकर 296, परीक्षा में विफलता या डर से 180, सामाजिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचने से 33, दहेज प्रताड़ना से त्रस्त होकर 28 जनों ने आत्महत्या की थी।

– शिक्षितों में आत्महत्या का प्रमाण कम


आंकड़ों के विश्लेषण में यह भी पता चला है कि राज्य में कक्षा दस से अधिक पढ़े लोगों में आत्महत्या का प्रमाण काफी कम हैं। ऐसे व्यक्तियों की संख्या 237 थी। जबकि अशिक्षित 870 लोग थे, जिन्होंने आत्महत्या का कदम उठाया। जबकि 5045 व्यक्ति कक्षा 1 से 10 वीं तक पढ़े थे।
– सबसे अधिक आत्महत्या विवाहितों ने की

आत्महत्या के कुल 7655 आत्महत्या के मामलों में 5168 पुरुष और 2486 महिलाएं थीं। इनमें भी सबसे अधिक संख्या 5491 विवाहितों की थी। 3752 विवाहिता पुरषों ने और 1739 विवाहित महिलओं ने जान दी। जबकि 1120 अविवाहित पुरुष और 630 अविवाहित महिलाओं ने मौत को गले लगाया।
– आत्महत्या के मामले में गुजरात देश में आठवें स्थान पर


आत्महत्या के मामलों में देश में महाराष्ट्र नंबर एक पर है। यहां एक साल में 18916 व्यक्तियों ने आत्महत्या की। 13493 मामलों के साथ तमिलनाडु दूसरे, 12665 मामलों के साथ पश्चिम बंगाल तीसरे, 12457 मामलों के साथ मध्यप्रदेश चौथे, 11228 मामलों के साथ कर्नाटका पांचवें, 8553 मामलों के साथ केरल छठे, 7674 मामलों के साथ तेलंगाना सातवें और 7655 मामलों के साथ गुजरात आठवें स्थान पर है।।
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