जीएसटी लागू होने के बाद से ही जीएसटी के डिफरेंस को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। मनपा बोर्ड हालांकि पहले ही इस पर व्यवस्था दे चुका है, कि ठेकेदारों को जीएसटी का भुगतान किया जाएगा। इसके बाद भी बिलों में जीएसटी के डिफरेंस को लेकर स्थिति साफ नहीं हो रही थी। ऐसे में ठेकेदारों के बिल ऑडिट में अटक गए थे।
स्थिति को देखते हुए महापौर डॉ. जगदीश पटेल ने भी सोमवार को एक नोंध जारी कर व्यवस्था दी थी कि जब तक तकनीकी पेंच नहीं आए, बिलों को पास कर दिया जाए। मंगलवार को एक बार फिर मामला उलझा तो महापौर और स्थाई समिति अध्यक्ष अनिल गोपलाणी ने साफ किया कि जिन बिलों में जीएसटी के डिफरेंस को लेकर संशय हो, उतनी राशि रोककर बिलों को ऑडिट से पास किया जाए। इसके बाद माना जा रहा है कि विभिन्न विभागों के बिलों को दीपावली से पहले ही क्लीयर कर ठेकेदारों को भुगतान किया जा सकता है।
गोपलाणी ने कहा कि दीपावली से पहले सभी का भुगतान हो जाना चाहिए। इसके लिए यदि ऑडिट विभाग को ओवरटाइम भी करना पड़े तो कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऑडिट विभाग को कह दिया गया है कि जिन बिलों में कोई तकनीकी समस्या आती है, उन बिलों पर संबंधित विभागों से स्पष्टीकरण मांगा जाना चािहए।