तक्षशिला अग्निकांड : डीजीवीसीएल और मनपाकर्मियों की पूछताछ व खोजबिन जारी जब भी कोई बड़ा गोदाम या मार्केट आग की चपेट में आता है, दमकल टीम के लिए आग में फंसे लोगों की जान बचाना चुनौती से कम नहीं होता। इसके लिए कमर्शियल काम्प्लेक्स, कोचिंग क्लासेज और अन्य दुकानों में भी इंटीरियर के लिए जिस तरह से सिंथेटिक शीट और प्लास्टिक के इस्तेमाल का चलन बढ़ा है, वह भी पेट्रोलियम पदार्थ का ही हिस्सा है।
सूरत के कॉम्प्लेक्स में अग्नि तांडव, 19 बच्चों की मौत पिछले दिनों हुए तक्षशिला आग हादसे में भी कोचिंग क्लास में लगी इसी शीट की वजह से आग विकराल हो गई थी और कई मासूमों को बचने के लिए तीसरी मंजिल से कूदकर जान गंवानी पड़ी थी। इसके बाद से ही दमकल को तकनीकी रूप से सुदृढ करने की कवायद शुरू हो गई थी। शहर में होने वाले आग के हादसों को देखते हुए मनपा प्रशासन थर्मल इमेजिंग कैमरे खरीदने जा रहा है।
यह होगा लाभ शहर में आए दिन आग के हादसे होते हैं। कई मामलों में बड़ी जनहानि होती है। कई बार तो ऐसी स्थिति बनती है कि आग के धुएं में दमकल के लिए यह देख पाना भी मुश्किल होता है कि आग में कितने लोग फंसे हुए हैं। ऐसे में रेस्क्यू दमकल टीम के लिए बड़ी चुनौती होती है। इसे देखते हुए मनपा प्रशासन ने सात थर्मल इमेजिंग कैमरे खरीदने का निर्णय किया है। एक कैमरे की कीमत सात लाख रुपए है। इन कैमरों की मदद से आग के धुएं में भी जहां तक नजर जाए यह देख पाना आसान होगा कि कोई अंदर तो नहीं फंस गया।