-देर शाम अंतिम संस्कार मृतक नानु का शव बुधवार को वांसोज पहुंचने पर उनका अंतिम संस्कार देर शाम को ही विधिविधान से कर दिया गया। मृतक के भतीजे बिजल ने बताया कि काका नानु परिवार में अकेले मछुआरा सदस्य थे जो समुद्र में मछली पकडऩे जाते थे और वे ही सबको इस धंधे से दूर रहने की बात कहते थे। उनके साथ ही गांव के ही एक अन्य मछुआरे जीवन सोलंकी को भी पाकिस्तान मरीन सिक्युरिटी ने पकड़ा था और वे अभी तक वहां कैद है। इनके अलावा गांव के ही एक अन्य मछुआरे भरत सोलंकी भी पाकिस्तान में बंद है। वांसोज में 40-45 जने है जो मछली पकडऩे समुद्र में जाते हैं, लेकिन ऐसी घटनाओं से उनमें और उनके परिजनों में भी भय बना रहता है। बिजल ने काका नानु का शव वापस लाने के लिए सांसद राजेश चुड़ास्मा व शक्तिसिंह गोहिल, कोळी पटेल समाज के खेमचंद आदि के प्रयासों की भी बातचीत में चर्चा की और बताया कि सरकार मछुआरा समाज के पाकिस्तान में कैद लोगों के प्रति संवेदना के साथ आगे बढ़े क्योंकि किसी के घर-परिवार का सहारा उनके पास नहीं होने से वे बेसहारा है।
-सभी के प्रति सरकार रखें संवेदना मृतक नानु का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया। सरकार को पाकिस्तान में सजा पूरी होने के बाद भी सजा काट रहे सभी मछुआरों के प्रति संवेदना रखकर उन्हें वापस लाने का पाकिस्तान पर दबाव बनाना चाहिए। इसमें अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का भी सहयोग सरकार को लेना चाहिए।
शक्तिसिंह गोहिल, राज्यसभा सांसद
शक्तिसिंह गोहिल, राज्यसभा सांसद