जानकारी के अनुसार इस रोग के फैलने से रोक थाम के लिए चीन, इराक, ईरान, दक्षिण कोरिया, जापान समेत कई देशों में हवाई सेवाओं पर असर पड़ा है। इसके अंतर्गत ईरान और दुबई के बीच भी विमान सेवा बंद की गई है। इसके कारण कई साल से ईरान में मछुआरी के लिए जाने वाले वलसाड जिले की उमरगाम तहसील के मछुआरों समेत दौ सौ से ज्यादा भारतीय वहां फंसे हैं। इसके कारण उनके परिजन भी यहां चिंतित हैं।
मरोली के पूर्व सरपंच राजेश केनी के अनुसार उमरगाम तटीय विस्तार के कई लोग ईरान में मत्स्याटन के लिए गए हैं, लेकिन बंद हुई हवाई सेवा के कारण वे फंस गए हैं और यहां उनके परिजन भी चिंतित हैं। इसकी जानकारी जिला प्रशासन से लेकर संबंधित मंत्रालय तक पहुंचाने के लिए परिजन और अग्रणी प्रयासरत हैं। उमरगाम के विधायक और वन मंत्री रमण पाटकर ने भी इस संबंध में सरकार से अनुरोध किया है।
मरोली निवासी गणेश टंडेल के परिजनों ने उससे बातचीत के आधार पर बताया कि मछली पकडऩे समेत अन्य काम के लिए वहां गए गुजरात के दौ सौ से ज्यादा तथा अन्य राज्यों के तीन सौ से ज्यादा लोग फंसे हैं। सभी लोग जल्द से जल्द देश लौटना चाहते हैं। इसके लिए भारत सरकार से जरूरी मदद की गुहार लगाई है।
ईरान में उमरगाम समेत अन्य जगहों के सैकड़ों लोगों के फंसे होने की जानकारी मिलने के बाद उनकी स्वदेश वापसी के लिए उमरगाम तालुका युवा संगठन भी सक्रिय हुआ है। इस संबंध में शुक्रवार को कलक्टर को ज्ञापन दिया गया। इसमें कहा गया है कि ईरान के अलग-अलग प्रांतों में यहां के युवक फंसे हैं। इसमें कलगाम बारीयावाड़ निवासी सुरेन्द्र बारिया ने सोशल मीडिया में वीडियो के माध्यम से इसकी जानकारी दी। युवा संगठन ने मामले की गंभीरता को समझते हुए वहां फंसे जिले समेत सभी भारतीयों के स्वदेश वापसी के लिए हरसंभव प्रयास का अनुरोध किया है।