scriptसूची में नाम नहीं होने से सैकड़ों मतदाता परेशान -एक से दूसरे बूथ पर भटकते रहे, मायूस लौटे | Hundreds of voters in trouble - Wandering on one booth to another | Patrika News

सूची में नाम नहीं होने से सैकड़ों मतदाता परेशान -एक से दूसरे बूथ पर भटकते रहे, मायूस लौटे

locationसूरतPublished: Apr 24, 2019 09:58:04 pm

Submitted by:

Sanjeev Kumar Singh

एक से दूसरे बूथ पर लगाते रहे चॠ कर, मायूस लौटे

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सूची में नाम नहीं होने से सैकड़ों मतदाता परेशान -एक से दूसरे बूथ पर भटकते रहे, मायूस लौटे

सूरत.

तीन लोकसभा सीटों के लिए मंगलवार को मतदान करने पहुंचे कई लोगों के नाम सूची में नहीं थे, जिससे वह मतदान नहीं कर सके। डिंडोली क्षेत्र में ऐसे ही कुछ मतदाताओं ने बताया कि उन्होंने फरवरी में स्थानीय बूथ पर मतदाता पहचान पत्र बनाने के लिए फार्म जमा करवाया था, लेकिन उनके नाम सूची से गायब थे।
लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन तथा चुनाव आयोग ने मतदाता सूची में सुधार कार्यक्रम चलाया था। बूथ लेवल पर मतदाताओं के फार्म भरवाने तथा उन्हें पहचान पत्र देने की जिम्मेदारी बीएलओ को सौंपी गई थी। फरवरी में सर्वे कर बूथ लेवल पर शिविर लगाया गया था। इसमें बड़ी संख्या में ऐसे मतदाता भी शामिल हुए, जिन्हें निवास स्थान बदलवाना था।
सूत्रों ने बताया कि भक्ति रेजिडेंसी के मकान संख्या 120 निवासी नीरज कुमार चौधरी तथा पत्नी प्रीति चौधरी ने 23 फरवरी को डिंडोली की मातृ भूमि स्कूल में नया पहचान पत्र बनाने के लिए फार्म जमा किया था। मतदान के चार-पांच दिन पहले नीरज ने बूथ कार्यालय तथा कलेक्टर कार्यालय के हेल्पलाइन नम्बर पर पहचान पत्र की जानकारी के लिए प्रयास किया, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। मंगलवार को नीरज ने मोहल्ले में अलग-अलग बूथ पर सूची में अपने नाम की जांच की, लेकिन नाम सूची में नहीं मिला।
इसी तरह की परेशानी मकान संख्या 102 निवासी वसुंधरा नरेन्द्र प्रफुल झा तथा फस्र्ट टाइम वोटर उसकी पुत्री स्वाति झा को भी झेलनी पड़ी। वसुंधरा ने बताया कि उसने नया मतदान पहचान पत्र बनाने के लिए फार्म भरा था, लेकिन मतदाता पहचान पत्र नहीं मिला। मंगलवार सुबह वसुंधरा तथा स्वाति रोज बर्ड स्कूल तथा मातृ भूमि स्कूल की सूची में अपना नाम जांचने पहुंचीं। उन्हें निराशा ही हाथ लगी।
सैकड़ों नए मतदाता पहचान पलप्ता नहीं मिलने के कारण मताधिकार का प्रयोग नहीं कर सके। उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग ने एक महीने पहले नए पहचान पत्र संबंधित बूथ लेवल ऑफीसर को भेज दिए थे, लेकिन अधिकतर बीएलओ ने मतदाताओं तक पहचान पलप्ता नहीं पहुंचाए।
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