शहर पुलिस आयुक्त सतीश शर्मा ने बताया कि पकड़े गए अभियुक्तों का नाम सुरेश राधेश्याम गौतम (21) और रामचंद्र उर्फ डबलू जयनाथ गौतम (35) है। 19 मई को मां-बेटे का शव मिलने के बाद डिंडोली पुलिस के साथ क्राइम ब्रांच पुलिस मामले की जांच में जुटी थी। तीन महीने बाद आखिर पुलिस को सफलता मिली, जब मुख्य अभियुक्त सुरेश गौतम महाराष्ट्र के पुणे में पकड़ा गया।
मृत महिला का नाम मंजूदेवी सदाब्रिज यादव (24) और बच्चे का नाम आदित्य (3) था। पूछताछ के दौरान सुरेश ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। उसने बताया कि वह और मंजू का पति तीन साल से एक ही एम्ब्रॉयडरी कारखाने में नौकरी करते थे और लिंबायत गोड़ादरा के डी.के.नगर में पड़ोस में रहते थे। उसके मंजूदेवी के साथ अवैध संबंध थे। वह मंजू पर दबाव डाल रहा था कि वह उसके साथ भाग कर शादी कर ले, लेकिन मंजू इससे इनकार कर रही थी। वारदात के दिन उसने मंजू को फोन कर अपने घर बुलाया और फिर भाग कर शादी करने के लिए दबाव बनाया।
इस बार भी मंजू ने इनकार कर दिया तो उसने पहले मंजू की चाकू से हमला कर हत्या कर दी और बाद में उसके मासूम बच्चे पर भी चाकू से वार कर उसे मौत के घाट उतार दिया। बाद में सुरेश ने अपने पिता राधेश्याम और भाई मुकेश को घर बुलाया। तीनों ने मां-बेटे के शव बोरे में पैक कर रामचंद्र उर्फ डबलू के ऑटो से डिंडोली क्षेत्र में इकलेरा गांव की सीमा में फेंक दिए। सुरेश गौतम और ऑटो चालक रामचंद्र गौतम की गिरफ्तारी के बाद सुरेश के पिता राधेश्याम तथा उसके भाई मुकेश को वांछित घोषित किया गया है।