scriptमाल 24 घंटे में 100 किमी नहीं गया तो रद्द हो जाएगा ई-वे बिल | If goods do not go 100 km in 24 hours then e-way bills will be cancele | Patrika News

माल 24 घंटे में 100 किमी नहीं गया तो रद्द हो जाएगा ई-वे बिल

locationसूरतPublished: Jan 03, 2018 11:43:19 pm

व्यापारियों ने आधे मन से जीएसटी को स्वीकार तो कर लिया है, लेकिन इसके साइड इफेक्ट कम नहीं हो रहे हैं। सरकार व्यापार सरल करने के लिए दो राज्यों के बीच 5

If goods do not go 100 km in 24 hours then e-way bills will be canceled.

If goods do not go 100 km in 24 hours then e-way bills will be canceled.

सूरत।व्यापारियों ने आधे मन से जीएसटी को स्वीकार तो कर लिया है, लेकिन इसके साइड इफेक्ट कम नहीं हो रहे हैं। सरकार व्यापार सरल करने के लिए दो राज्यों के बीच 50 हजार रुपए से अधिक का माल भेजने के लिए ई-वे बिल लाने की तैयारी में है, लेकिन इसके कुछ प्रावधान से व्यापार और कठिन हो जाएगा। व्यापारियों का मानना है कि इस बारे में कुछ संशोधन की आवश्यकता है।


जीएसटी लागू होने के बाद व्यापारियों को अलग-अलग राज्यों में माल भेजने में दिक्कत हो रही थी।

पहले सभी राज्यों में वैट के नियम के अनुसार काम चलता था। सभी राज्यों में माल ले जाने और लाने के अलग-अलग फॉर्म थे। कई बार व्यापारियों को माल पकड़े जाने पर दंड भी चुकाना पड़ता था। इसलिए व्यापारियों ने सरकार से समान बिल की मांग की थी। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने 1 फरवरी से दो राज्यों के बीच व्यापार के लिए ई-वे बिल का फैसला किया है। इस पर अमल के बाद कुछ प्रावधानों के कारण दिक्कत हो सकती है। व्यापारी को एक ही शहर में अपनी दूसरी दुकान तक माल ले जाने के लिए भी ई-वे बिल बनाना होगा। इसमें 10 किमी तक के लिए छूट है, लेकिन वह भी तभी मान्य होगी, जब कोई उद्यमी अपनी यूनिट से 10 किलोमीटर के दायरे वाले ट्रांसपोर्ट गोडाउन में माल भेजेगा।


अगर एक ट्रक से कई व्यापारियों के छोटी-छोटी रकम के पार्सल जा रहे हैं, जिनकी कुल कीमत 50 हजार से रुपए से ज्यादा है तो या ट्रांसपोर्टर को ई-वे बिल बनाना होगा या सभी व्यापारी ई-वे बिल बनाकर देंगे। कोई भी ई-वे बिल माल रवानगी के 24 घंटे के पहले ही रद्द हो सकेगा। ई-वे बिल के नियम के अनुसार माल ले जा रहे वाहन को 24 घंटे में 100 किमी का सफर तय करना होगा। यदि वाहन बिगडऩे या अन्य किसी कारण से 24 घंटे से अधिक समय लगता है तो नया ई-वे बिल बनाना होगा। व्यापारी ने यदि ई-वे बिल बनाया है तो खरीदने वाली पार्टी को 72 घंटे के अंदर उसे रद्द कराना होगा, नहीं तो खरीद मान ली जाएगी। व्यापारियों का कहना है कि सरकार को ध्यान देना चाहिए कि ई-वे बिल से व्यापार सरल होने के बजाय और कठिन न हो जाए।

& साइकिल, बैलगाड़ी इत्यादि पर माल ले जाने पर ई-वे बिल की आवश्यकता नहीं होगी, लेकिन किसी भी मोटर वाहन से माल ले जाने पर ई-वे बिल बनाना पड़ेगा।
केविन शाह, सीए

जून तक राज्य भी लागू करेंगे ई-वे बिल

केन्द्र सरकार की ओर से दो राज्यों के बीच व्यापार सरल करने के लिए ई-वे बिल फरवरी से लागू हो जाएगा। एक ही राज्य में होने वाले व्यापार के लिए सभी राज्य भी जून तक ई-वे बिल लागू कर देंगे।

कम्पोजीशन स्कीम वाले व्यापारियों को राहत

केन्द्र सरकार ने कम्पोजिनशन स्कीम वाले उद्यमियों को बड़ी राहत दी है। एक जनवरी को जारी परिपत्र के अनुसार पिछले नियमों में दो परिवर्तन किए गए हैं। जीएसटी कंसल्टेंट हिमांशु जोशी ने बताया कि अब तक कम्पोजिशन स्कीम में रजिस्टर्ड मैन्युफैक्चरिंग करने वाले व्यापारियों को दो प्रतिशत जीएसटी चुकाना पड़ता था, अब एक प्रतिशत ही चुकाना होगा। इसके अलावा इस स्कीम में रजिस्टर्ड व्यापारी को सभी वस्तुओं की कुल बिक्री पर दो प्रतिशत और मैन्युफैक्चर को एक प्रतिशत टैक्स चुकाना पड़ता था, लेकिन नए नियमों के अनुसार सिर्फ टैक्सेबल वस्तुओं की बिक्री पर 1 प्रतिशत टैक्स चुकाना होगा।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो