सूरत

हल्का बुखार और गले में खराश हो तो रैपिड नहीं, आरटीपीसीआर टेस्ट जरूरी

– ओमिक्रॉन से शुरू हुई तीसरी लहर : बच्चों में संक्रमण बढऩे से चिंताजनक स्थिति…
– शहर में कोरोना पॉजिटिविटी रेट 1.57 प्रतिशत
– दो सप्ताह में भर्ती होने वाले मरीज बढऩे का अनुमान

सूरतJan 04, 2022 / 09:23 pm

Sanjeev Kumar Singh

हल्का बुखार और गले में खराश हो तो रैपिड नहीं, आरटीपीसीआर टेस्ट जरूरी

संजीव सिंह @ सूरत.
शहर में ओमिक्रॉन पॉजिटिव केस मिलने के बाद संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। 25 दिसंबर को जो पॉजिटिविटी रेट 0.17 प्रतिशत था, वो 2 जनवरी को बढक़र 1.57 हो गया हैं। चिंताजनक बात यह है कि तीसरी लहर में बच्चों में संक्रमण बढ़ा है। मनपा आयुक्त ने ओमिक्रॉन या कोरोना के लक्षण बुखार और गले में खराश दिखाई देने पर रैपिड टेस्ट की तुलना में आरटीपीसीआर टेस्ट करवाने की अपील की है। ओमिक्रॉन के केस में स्वाद और गंध नहीं जाती है, इसलिए लक्षणों को हल्के में नहीं लेना चाहिए।

डेल्टा और ओमिक्रोन में फर्क

कोरोना वायरस की दूसरी लहर में डेल्टा वैरिएंट ने कहर मचाया था। डेल्टा के लक्षण हल्के से लेकर गंभीर तक थे और मरने वालों की संख्या भी काफी अधिक थी। डेल्टा से संक्रमित मरीजों में तेज बुखार, लगातार खांसी, सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ और ऑक्सीजन लेवल अचानक कम होने जैसे लक्षण देखे गए थे। ओमिक्रॉन के लक्षण कुछ अलग हैं और इन्हें बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
प्रतिदिन 5 लाख से ज्यादा लोग आते-जाते हैं

मनपा आयुक्त बंछानिधी पाणि ने बताया कि शहर में कोरोना पॉजिटिविटी रेट बढ़ रहा है, इसके साथ संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है। प्रतिदिन मिलने वाले मरीजों का आंकड़ा 200 को पार कर गया है। उन्होंने चिंताजनक बात यह बताई है कि तीसरी लहर में बच्चों में संक्रमण बढ़ा है। सूरत में प्रतिदिन 5 लाख से ज्यादा लोग आते-जाते हैं। इसलिए कोविड एप्रोपिएट बिहेवियर और टीकाकरण करवाना चाहिए। वैक्सीन नहीं लेने वालों के लिए यह खतरे की घंटी है। देखा गया है कि टीका लेने के बाद अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु की आशंका कम हो जाती है। उन्होंने बताया कि शुरुआती दिनों में केस बढ़ते हैं और करीब दो हफ्ते बाद भर्ती वाले मरीजों की संख्या बढऩे का अनुमान है।
डबल हो रहे केसों से ओमिक्रॉन की आशंका बढ़ी

शहर में जो कोरोना केस बढ़ रहे हैं, उसमें ज्यादातर ओमिक्रॉन पॉजिटिव होने की आशंका है। अभी प्रतिदिन 200 से अधिक पॉजिटिव आ रहे हैं। जनवरी के अंतिम सप्ताह तक मरीजों की संख्या एक हजार तक पहुंच सकती है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से हरेक कोरोना पॉजिटिव का जिनोम सिक्वेंसिंग करवाने का दावा किया जा रहा है, लेकिन उनकी रिपोर्ट समय बाद आती है। इसलिए तेजी से डबल हो रहे केसों को देखते हुए ओमिक्रॉन होने की आशंका अधिक है।
ये लक्षण दिखे तो हो जाएं अलर्ट

ओमिक्रॉन के प्रमुख लक्षणों में हल्का बुखार, थकान, गले में खराश (क्रेची थ्रॉट) और शरीर में बहुत ज्यादा दर्द मुख्य है। इसमें स्वाद और गंध नहीं जाती है। बुखार आता है तो टेस्ट करवाएं, इसमें रैपिड टेस्ट की जगह आरटीपीसीआर टेस्ट करवाना चाहिए। पहली व दूसरी लहर में जिन्हें कोरोना हो गया है, ओमिक्रॉन के मामले में री-इन्फेक्शन की आशंका हो सकती है।
5 दिन में 1.92 लाख बच्चों को टीके का लक्ष्य

सूरत में 3 जनवरी से 15 से 18 वर्ष के उम्र के किशोरों को कोरोना वैक्सीन देने का अभियान शुरू हो गया है। मनपा ने हर जोन में बच्चों के लिए अलग से टीकाकरण सेंटर शुरू किया है। इसके साथ ही स्कूलों में 15 से 18 वर्ष के बच्चों को टीकाकरण शुरू किया है। शहर में करीब 1,92,000 बच्चों को 5 दिन में प्रथम डोज देने का लक्ष्य निर्धारित किया हैं।

जनता के सवाल : चेस्ट फिजिशियन डॉ. समीर गामी के जवाब

प्र.- आरटीपीसीआर टेस्ट कब करवाना चाहिए?
उ.- बुखार, गले में जलन, खांसी, कमजोरी, थकावट महसूस होने पर आरटीपीसीआर टेस्ट करवाना चाहिए?

प्र.- बुखार और गले में खराश या जलन नहीं है तो क्या करें?
उ.- डरने की जरूरत नहीं है। यह नॉर्मल फ्लू हो सकता है जो पारिवारिक डॉक्टर की दवाई से ठीक हो जाएंगे।

प्र.- सर्दी के मौसम में छींक आना, नाक बहना भी ओमिक्रॉन है?
उ.- नहीं, यह सामान्य एलर्जी है। नया वैरिएंट ओमिक्रॉन माइल्ड है, लेकिन पहले बताए लक्षण हो तो अलर्ट हो जाएं।

प्र.- कैसे तय करें की अब डॉक्टर के पास जाना जरूरी हैं?

उ. कोई भी तकलीफ होने पर फैमेली डॉक्टर को जरूर दिखाएं। जल्दी दवाई शुरू करने से मरीज स्वस्थ हो जाएगा, लेकिन ऑक्सीजन घटने लगे तो विशेषज्ञ डॉक्टर से इलाज शुरू करना चाहिए।

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