जानकारी के अनुसार भरुच निवासी वाहन चालक रवि मिश्रा सूरत आए थे। शाम को वह उधना दरवाजा के निकट से गुजर रहे थे। उस दौरान पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोका। उन्होंने अपना लाइसेंस व वाहन के कागजात दिखाए। फिर पुलिसकर्मियों ने उनकी कार पर ब्लैकफिल्म होने की बात कही। जबकि उन्होंने अपनी कार पर गहरी ब्लैक फिल्म लगवाई ही नहीं थी। उसी तरह की कार उनके सामने गुजरी और गुजरती रही।
कुछ को जाने दिया, लेकिन सूरत के बाहर का वाहन होने से चालक को रोके रखकर दबाव डालते हुए प्रताड़ित किया जाता रहा। जब उन्होंने हल्की ब्लेक फिल्म को लेकर नियम का हवाला देकर सवाल किया तो सलाबतपुरा थाने की महिला पुलिस उप निरीक्षक केवी चौधरी उन पर बरस पड़ी, जो दूसरी तरफ फोन में भी सुनाई दे रहा था। मिन्नतें करने पर भरूच से आये चालक को जबरदस्ती पुलिस वाहन में बिठा कर अपराधी की तरह थाने ले जाने लगे और वाहन जब्त करने की धमकी दी।
जबरदस्ती दरवाजा बंद करने पर वाहन चालक के साथी के हाथ में चोट भी आई, जो नहीं ले जाने की मिन्नतें कर रहा था। बाद में अन्य लोगों के समझाने पर उनकी कार का चालान बना कर पांच सौ रुपए ले लिए। जब राजस्थान पत्रिका ने इस बारे में उनसे बात की तो उन्होंने सीधे मुंह जवाब नहीं दिया।
महिला पीएसआई चौधरी से सीधी बात :
पत्रिका : ब्लैकफिल्म के लिए कौन सी धारा लगाई जाती है?
चौधरी- आपको क्या समस्या है!
पत्रिका – चालान पर कोई धारा नहीं लगाई गई है?
चौधरी- रसीद मैंने नहीं बनाई, प्वाइंट पर और भी चार जनें थे, मैं बंदोबस्त में थी अगर मेरे हस्ताक्षर हो तो मुझे कल आकर दिखाना
इनका कहना :
मैं इस संबंध में संबंधित अधिकारी से बात करूंगा ।
– एम.वी.किकाणी (थाना प्रभारी, सलाबतपुरा)