शहर में कोरोना वायरस से आम लोगों के साथ-साथ कोरोना वॉरियर्स भी संक्रमित हो रहे हैं। इसमें डॉक्टरों की कोरोना वायरस से मौत भी हो रही है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, सूरत शाखा प्रमुख डॉ. पारुल वडगामा ने बताया कि कोरोना मरीजों का इलाज करते हुए डॉक्टर की मौत होना दु:खद है। उल्लेखनीय है कि सरकारी चिकित्सकों को तो बीमा राशि मिलती है है। अब निजी चिकित्सकों को के परिवारों को भी बीमा का लाभ मिल पाएगा।
पिछले दिनों मनपा आयुक्त बंछानिधि पाणि और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारियों के बीच बैठक हुई थी। इसमें कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज करते हुए मरने वाले निजी डॉक्टरों को भी 50 लाख रुपए का बीमा कवर देने का मुद्दा उठाया गया था, लेकिन राज्य सरकार की ओर से बीमा देने के संदर्भ में कुछ भी स्पष्ट नहीं किया गया था। डॉ. पारुल ने गुरुवार को फिर से सूरत तथा गांधीनगर के सीनियर अधिकारियों से इस संदर्भ में चर्चा की। राज्य सरकार ने कोरोना मरीजों का इलाज करते हुए मरने वाले डॉक्टरों को बीमा राशि देने का ऐलान किया है।
इसमें सरकारी के साथ-साथ प्राइवेट अस्पतालों के चिकित्सक व जनरल प्रेक्टिसनर भी शामिल कर लिए गए हैं। सूरत में कमेटी बनाकर आइएमए ने डॉ. दीपक तोरावाला, डॉ. विनेश शाह, डॉ. परेश मुंशी को इस कार्य की जिम्मेदारी सौंपी है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े डॉक्टर को कमेटी द्वारा बीमा राशि दिलाने में मदद की जाएगी।
वहीं, बीएएमएस, डीएचएमएस डिग्री के डॉक्टरों को उनके एसोसिएशन के द्वारा कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए जरूरी दस्तावेज जुटाकर मनपा स्वास्थ्य विभाग को दिए जाएंगे। इसके बाद यहां से कागज को राज्य सरकार फिर केन्द्र सरकार के पास भेजकर बीमा राशि दिलाने की व्यवस्था की गई है।