सतर्क है पर और भी जरूरत
सोलह दिवसीय गणगौर उत्सव के दौरान प्रवासी राजस्थानी महिलाएं जहां लोकपर्व को परम्परागत तरीके से मनाने में सक्रिय है, वहीं कोरोना वायरस के प्रति भी उनकी सतर्कता बनी हुई है। कई स्थलों पर कोरोना वायरस से बचाव के लिए वे मुंह पर मास्क लगाकर गणगौर पूजन में भाग ले रही है। राजस्थान पत्रिका अपने पाठकों के इन प्रयासों की सराहना करती है और कोरोना वायरस के प्रति और अधिक सतर्कता बरतने की सलाह देती है। सुबह गणगौर पूजन, दोपहर में बिंदोळा आयोजन व रात्रि में लोकगीत आदि के दौरान सभी स्थलों पर भाग लेने वाले सेनेटाइज अवश्य हों, ताकि वे संक्रामक रोग से दूर रह सके और उत्सव भी मना सकें। आयोजक भी आयोजन स्थल पर सेनेटाइजर, मास्क, हाथ धोने के लिए पानी-साबुन रखकर सहयोगी बन सकते हैं।
सोलह दिवसीय गणगौर उत्सव के दौरान प्रवासी राजस्थानी महिलाएं जहां लोकपर्व को परम्परागत तरीके से मनाने में सक्रिय है, वहीं कोरोना वायरस के प्रति भी उनकी सतर्कता बनी हुई है। कई स्थलों पर कोरोना वायरस से बचाव के लिए वे मुंह पर मास्क लगाकर गणगौर पूजन में भाग ले रही है। राजस्थान पत्रिका अपने पाठकों के इन प्रयासों की सराहना करती है और कोरोना वायरस के प्रति और अधिक सतर्कता बरतने की सलाह देती है। सुबह गणगौर पूजन, दोपहर में बिंदोळा आयोजन व रात्रि में लोकगीत आदि के दौरान सभी स्थलों पर भाग लेने वाले सेनेटाइज अवश्य हों, ताकि वे संक्रामक रोग से दूर रह सके और उत्सव भी मना सकें। आयोजक भी आयोजन स्थल पर सेनेटाइजर, मास्क, हाथ धोने के लिए पानी-साबुन रखकर सहयोगी बन सकते हैं।