शहर में कोरोना के कुछ हॉट स्पॉट इलाकों में अंधविश्वास, कट्टरता व अफवाहें इतनी हावी हो गई है कि स्वास्थ्य रथ घरों के दरवाजे बतक पहुंचने के बाद भी लोग जांच के लिए बाहर नहीं निकलते। राजस्थान पत्रिका की पड़ताल में पता चला कि धन्वंतरी रथ के मेडिकल ऑफिसर लाऊड स्पीकर के जरिए स्थानीय लोगों को रैपिड कोविड टेस्ट और दवाई लेने आने के लिए अपील करते हैं, लेकिन कुछ विशेष इलाकों में स्वास्थ्य टीमों को सहयोग नहीं मिलता और लोग घर में ही रहते हैं। जबकि बुखार, अशक्ति और उल्टी-दस्त भी कोरोना लक्षणों में शामिल है। रैपिड टेस्ट में पॉजिटिव आने वाले कुछ मरीज गंध और स्वाद महसस नहीं होने की शिकायत कर पूछते भी है कि क्या यह कोरोना के लक्षण है?
अनलॉक-2.0 सूरत के लिए कोरोना वायरस संक्रमण के लिहाज से बहुत खराब साबित हुआ। इस दौरान जुलाई माह में ही सबसे अधिक 6,263 कोरोना मरीज सामने आए और गंभीर 316 मरीजों की मौत हुई है। मनपा आयुक्त बंछानिधि पाणि ने कोरोना रोकथाम के लिए शहर के आठ अर्बन हेल्थ सेंटर तथा 87 धनवंतरी रथ के जरिए शहर में मोबाइल स्वास्थ्य कैम्प की शुरुआत की है। धनवंतरी रथ के जांच अभियान का असर भी दिखने लगा है। राजस्थान पत्रिका ने धनवंतरी रथ पर नियुक्त स्वास्थ्य अधिकारियों से कोरोना मरीजों तथा जांच को लेकर मिल रहे तथ्यों पर बातचीत की। जिसमें कई जानकारियां सामने आई है।
उधना जोन में उन तिरुपति नगर में धनवंतरी रथ पहुंचने के बाद भी ज्यादातर लोग स्वास्थ्य जांच करवाने घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि रथ पहुंचते ही वे लाऊड स्पीकर पर बार-बार अपील भी करते हैं। लेकिन कई लोग अंधविश्वास या अफवाहों के चलते घरों से बाहर नहीं निकलते और जांच से दूर रहते हैं।
जबकि सेंट्रल जोन में आरा मोहल्ला पारसी शेरी, नानी छिपवाड, संगाडियावाड, गोपीपुरा, जगु वल्लभ की पोल, आकाशदीप अपार्टमेंट, व्होरावाड आदि गुजराती बाहुल्य इलाकों में धनवंतरी रथ पहुंचते ही एहतियात के तौर पर अधिक संख्या में लोग जांच के लिए पहुंचते हैं। लेकिन रुस्तमपुरा इलाके में कई घरों से लोग नहीं निकलते। मेडिकल जांच से दूर रहने वाले लोगों का कहते है कि ऊपरवाला उनको बचा लेगा, हमे जांच की जरूरत नहीं है। स्वास्थ्य अधिकारियों के द्वारा बार-बार समझाने पर भी लोग धनवंतरी रथ से दूरी बनाए रखते हैं।
जबकि सेंट्रल जोन में आरा मोहल्ला पारसी शेरी, नानी छिपवाड, संगाडियावाड, गोपीपुरा, जगु वल्लभ की पोल, आकाशदीप अपार्टमेंट, व्होरावाड आदि गुजराती बाहुल्य इलाकों में धनवंतरी रथ पहुंचते ही एहतियात के तौर पर अधिक संख्या में लोग जांच के लिए पहुंचते हैं। लेकिन रुस्तमपुरा इलाके में कई घरों से लोग नहीं निकलते। मेडिकल जांच से दूर रहने वाले लोगों का कहते है कि ऊपरवाला उनको बचा लेगा, हमे जांच की जरूरत नहीं है। स्वास्थ्य अधिकारियों के द्वारा बार-बार समझाने पर भी लोग धनवंतरी रथ से दूरी बनाए रखते हैं।
उधर, उधना जोन में रणछोड़ नगर, आशिर्वाद नगर धन्वंतरी रथ पर लोग काफी संख्या में जांच करवाने के लिए बाहर निकलते हैं। रांदेर जोन में अडाजन क्षेत्र में लक्ष्मी कृपा सोसायटी, पुजा फ्लैट्स, माधवनंद सोसायटी, तुलसी विहार अपार्टमेंट, आनंद कुंज सोसायटी, रिंकु-टिंकु अपार्टमेंट, समर्थ प्वॉइंट, सयोग अपार्टमेंट, मारुती चैम्बर, राधाकृष्ण अपार्टमेंट में धन्वंतरी रथ पहुंचने पर लोग बड़ी संख्या में जांच करवाने पहुंच रहे हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि पिछले आठ दिनों अठवा और रांदेर जोन में सबसे अधिक कोरोना पोजेटिव सामने आए हैं। इसलिए स्वास्थ्य अधिकारियों ने अधिक संक्रमण वाले क्षेत्र में ज्यादा धनवंतरी रथ उतार कर जांच अभियान चलाया है।
यह थी अफवाह गौरतलब है कि पिछले दिनों अफवाह थी कि स्वास्थ्य अधिकारी सर्दी-खांसी, बुखार के मरीज को कोरोना बताकर अस्पताल में भर्ती कर देते हैं, लेकिन मनपा स्वास्थ्य विभाग ने इस तरह की अफवाहों से शहरवासियों को दूर रहने तथा तबीयत खराब होने पर तुरंत इलाज करवाने की अपील की है।
होम आइसोलेशन का पालन नहीं, मां के बाद बेटा पॉजिटिव होम आइसोलेशन के दौरान कई कोरोना पॉजिटिव मरीज द्वारा इसका पालन नहीं किया जाता है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि अडाजन में एक महिला पॉजिटिव आई थी। उसका होम आइसोलेशन में इलाज शुरू किया गया, लेकिन उनका बेटा घर में नहीं रहकर बाहर घूमता रहता था। कुछ दिन बाद बेटे की भी तबीयत बिगड़ी तो परिजनों ने उसका टेस्ट करवाया जिसमें वह भी पॉजिटिव आया है। आइसोलेशन के दौरान परिवार से अलग रहने की सख्त हिदायत दी जाती है, लेकिन घर के सदस्यों के द्वारा उसका पालन नहीं किये जाने से वे दूसरों के लिए भी खतरा बनते हैं।
बुखार और अशक्ति कोरोना लक्षण धनवंतरी रथ पर आने वाले संदिग्ध कोरोना मरीजों की रैपिड टेस्ट से जांच की जाती है। बुखार, सर्दी-खांसी, गले में दर्द, उल्टी-दस्त, अशक्ति (शरीर में दर्द) आदि कोरोना के लक्षण हो सकते हैं। समय-समय पर कोरोना मरीजों के लक्षण में बदलाव देखने को मिला है। अभी बुखार-अशक्ति के केस रैपिड टेस्ट में ज्यादा कोरोना पॉजिटिव आ रहे हैं ।
डॉ. कृपा मिस्त्री, मेडिकल ऑफिसर, उधना जोन
इम्यूनिटी अच्छी होने से लक्षण नहीं दिखते कोरोना वायरस के लक्षण हरेक मरीज में दिखाई दे यह जरुरी नहीं है। इम्यूनिटी सिस्टम अच्छा होने पर कोरोना वायरस के लक्षण नहीं भी दिखाई देते है। परिवार में कोई कोरोना पॉजिटिव आया है तो वह लोग एहतियात के तौर पर धन्वंतरी रथ पर कोरोना टेस्ट करवाते है। 70 मरीजों की ओपीडी में 12 से 14 मरीज रैपिड टेस्ट में कोरोना पॉजिटिव मिलते है।
इम्यूनिटी अच्छी होने से लक्षण नहीं दिखते कोरोना वायरस के लक्षण हरेक मरीज में दिखाई दे यह जरुरी नहीं है। इम्यूनिटी सिस्टम अच्छा होने पर कोरोना वायरस के लक्षण नहीं भी दिखाई देते है। परिवार में कोई कोरोना पॉजिटिव आया है तो वह लोग एहतियात के तौर पर धन्वंतरी रथ पर कोरोना टेस्ट करवाते है। 70 मरीजों की ओपीडी में 12 से 14 मरीज रैपिड टेस्ट में कोरोना पॉजिटिव मिलते है।
डॉ. मितेष पटेल, मेडिकल ऑफिसर, उधना जोन
40 प्रतिशत बिना लक्षण वाले मरीज धन्वंतरी रथ में जांच के लिए आने वाले मरीजों में 60 फिसदी संदिग्धों में बुखार, सर्दी-खांसी या गले में दर्द की तकलीफ देखने को मिलती है। लेकिन 40 फिसदी ऐसे मरीज भी होते है जिन्हें कोरोना का कोई लक्षण दिखाई नहीं देता है। एक सप्ताह पहले 30 मरीजों के रैपिड टेस्ट में 7-8 पॉजिटिव आते थे। लेकिन सोमवार को 88 रैपिड टेस्ट में सिर्फ 8 पॉजिटिव मरीज मिले है। खड़ा नहीं हो पाना और बुखार कोरोना के लक्षण में शामिल हो गया है।
40 प्रतिशत बिना लक्षण वाले मरीज धन्वंतरी रथ में जांच के लिए आने वाले मरीजों में 60 फिसदी संदिग्धों में बुखार, सर्दी-खांसी या गले में दर्द की तकलीफ देखने को मिलती है। लेकिन 40 फिसदी ऐसे मरीज भी होते है जिन्हें कोरोना का कोई लक्षण दिखाई नहीं देता है। एक सप्ताह पहले 30 मरीजों के रैपिड टेस्ट में 7-8 पॉजिटिव आते थे। लेकिन सोमवार को 88 रैपिड टेस्ट में सिर्फ 8 पॉजिटिव मरीज मिले है। खड़ा नहीं हो पाना और बुखार कोरोना के लक्षण में शामिल हो गया है।
डॉ. श्रेया भट्ट, अडाजन, रांदेर जोन
100 रैपिड टेस्ट में 7 से 10 पॉजिटिव सेंट्रल जोन में पिछले कुछ दिनों से मरीजों के रैपिड टेस्ट में कोरोना पॉजिटिव आने वालों की संख्या घटी है। पहले 24-30 मरीजों के रैपिड टेस्ट में 13-14 पॉजिटिव आते थे। लेकिन अब 100 मरीजों की जांच में सात से दस मरीज कोरोना पॉजिटिव आते है। बुखार, सर्दी-खांसी, गले में दर्द के अलावा स्वाद और गंध नहीं लगने वाले मरीज भी कोरोना पॉजिटिव आ रहे है।
100 रैपिड टेस्ट में 7 से 10 पॉजिटिव सेंट्रल जोन में पिछले कुछ दिनों से मरीजों के रैपिड टेस्ट में कोरोना पॉजिटिव आने वालों की संख्या घटी है। पहले 24-30 मरीजों के रैपिड टेस्ट में 13-14 पॉजिटिव आते थे। लेकिन अब 100 मरीजों की जांच में सात से दस मरीज कोरोना पॉजिटिव आते है। बुखार, सर्दी-खांसी, गले में दर्द के अलावा स्वाद और गंध नहीं लगने वाले मरीज भी कोरोना पॉजिटिव आ रहे है।
डॉ. उर्वी सुखडिय़ा, सेंट्रल जोन
शहर में सात दिनों में मिले कोरोना मरीज जोन- मरीज अठवा- 268 रांदेर- 260 वराछा-ए- 207 कतारगाम- 188 सेंट्रल- 163 उधना- 131 लिम्बायत- 129
शहर में सात दिनों में मिले कोरोना मरीज जोन- मरीज अठवा- 268 रांदेर- 260 वराछा-ए- 207 कतारगाम- 188 सेंट्रल- 163 उधना- 131 लिम्बायत- 129
वराछा-बी- 128
कुल- 1474
कुल- 1474