शहर में संक्रमण को लेकर आम आदमी में जो लापरवाही और जानकारी का अभाव है, वह आने वाले दिनों में सूरत पर भारी पडऩे वाला है। लॉकडाउन के अनलॉक होते ही प्रभावित इलाकों से संक्रमण की सुरक्षित इलाकों में पहुंच ज्यादा सहज हो गई है। मनपा प्रशासन और पुलिस टीम भी इनकी आवाजाही को लेकर ज्यादा गंभीर नहीं दिख रही। शुरुआत में जो मुस्तैदी दिखाई थी, उसमें भी लापरवाही बरती जा रही है। यही वजह है कि मनपा ने जिन इलाकों को क्लस्टर कर लोगों की दूसरे सुरक्षित इलाकों में आवाजाही पर रोक लगाई थी, वह बदस्तूर जारी है।
क्लस्टर किए गए इलाकों में नाकेबंदी के लिए जो बेरिकेटिंग और बाड़ लगाई गई हैं, लोगों के लिए खिलौना साबित हुई हैं। बेरोकटोक और आराम से लोग इन्हें पार कर दूसरे इलाकों में आना-जाना कर रहे हैं। इनके साथ ही संक्रमण भी प्रभावित इलाकों से नए इलाकों में अपनी पैठ मजबूत कर रहा है। जानकारों के मुताबिक इस पर रोक लगाने के लिए मनपा प्रशासन और पुलिस को सख्ती बरतनी होगी।
लिंबायत और कतारगाम के सबक जरूरी
मनपा और पुलिस प्रशासन को लिंबायत और कतारगाम के सबक याद रखने होंगे। दोनों ही जगहों पर लॉकडाउन का सलीके से अमल नहीं होने के कारण स्थिति लगातार भयावह बनी रही। इन इलाकों में लॉकडाउन के बावजूद लोगों की आवाजाही बाहर भले थमी हो, लेकिन भीतरी इलाकों में जारी रही थी। इस कारण यहां संक्रमण ज्यादा घना होता गया और इस पर काबू पाना अब तक मनपा के लिए चुनौती बना हुआ है। उस समय भी लोगों ने प्रभावित और क्लस्टर क्वारन्टाइन इलाकों में लोगों के बाहर घूमने पर रोक लगाने की मांग की थी।