आयकर विभाग के सूत्रों के अनुसार डीआई विंग ने शहर के डुंभाल क्षेत्र में प्रोजेक्ट शुरू करने वाले एक बिल्डर ग्रुप पर मंगलवार को कार्रवाई की थी। 25 स्थानों पर शुरू की गई कार्रवाई गुरुवार दोपहर पूरी हो गई। विभाग को कार्रवाई के अंत में यहां से 60 करोड़ की बेनामी आय के दस्तावेज मिले। 12 बैंक लॉकर और 60 लाख रुपए नकद भी जब्त किए गए। आयकर विभाग को बिल्डर के मुख्य अकांउटेंट के यहां जांच में पेमेंट के कागजात मिले। विभाग इन कागजात को महत्वपूर्ण मान रहा है। इसके अलावा 15 बिटकॉइन निवेशकों और कारोबारियों पर कार्रवाई भी पूरी हो गई। बताया जा रहा है कि एक महीने पहले बैंगलूरु में आयकर विभाग की कार्रवाई में सूरत के दो लोगों के नाम सामने आए थे। इसके आधार पर वराछा में कार्रवाई शुरू की गई थी। कुछ ब्रोकर्स ने अपने कम्प्यूटर में तीन पासवर्ड डाल रखे थे। उन्हें डी-लॉक कर जानकारी निकाली गई। इस काम के लिए विभाग ने मुंबई से प्रोफेशनल्स की टीम बुलाई थी, जो कम्प्यूटर से जानकारी जुटाने में लगी है। आने वाले दिनों में एक टीम दिल्ली से भी आएगी। जिन लोगों ने बिटकॉइन में निवेश कर लाभ कमाया है, आयकर विभाग उन्हें बुलाकर पूछताछ करेगा। विभाग के हिसाब से बिटकॉइन में लगभग 200 करोड़ रुपए तक के काले धन का आंकड़ा मिलने के आसार हैं।
ईडी भी कर सकता है जांच आयकर विभाग ने जिन बिटकॉइन निवेशकों और कारोबारियों पर जांच की है, उनके यहां ईडी भी जांच कर सकता है। जांच के बाद यदि इसमें हवाला की आशंका हुई तो ईडी को जानकारी दी जाएगी। ईडी के अधिकारी भी इन मामलों पर नजर रखे हुए हैं।