आयकर विभाग ने सोमवार को वराछा के एक हीरा उद्यमी पर छापा मारा। छापे की कार्रवाई देर रात जारी रही। विभाग ने बड़े पैमाने पर खरीद-बिक्री और अन्य दस्तावेज जब्त किए हैं।
विभाग के सूत्रों के अनुसार सूरत कमिश्नरेट का इस बार लक्ष्य तक पहुंचना मुश्किल लगने के कारण विभाग ने मार्च के अंतिम दिनों में सर्वे की कार्रवाई शुरू की है। सोमवार को वराछा क्षेत्र में एक हीरा मैन्युफेक्चर और निर्यातक पर सर्वे की कार्रवाई शुरू की गई। बताया जा रहा है कि इस उद्यमी ने पिछले साल की अपेक्षा एडवांस टैक्स कम भरा था। इसे देखते हुए कार्रवाई की गई। जांच के बाद कर चोरी का खुलासा हो सकता है। इस बार आयकर विभाग को वराछा से कम टार्गेट हासिल हो सका है। इसलिए विभाग सर्वे की कार्रवाई कर रहा है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में सूरत कमिश्नरेट को 4660 करोड़ रुपए का लक्ष्य दिया गया है। इसके मुकाबले अब तक 2250 करोड़ रुपए की वसूली की गई है। पिछले दिनों विभाग ने कई डिफॉल्टर्स के खिलाफ प्रोसिक्यूशन की कार्रवाई शुरू की थी। कुछ की संपत्ति और बैंक अकाउंट जब्त किए गए थे। रियल एस्टेट और हीरा उद्योग की मंदी के कारण लक्ष्य हासिल करने में मुश्किल आ रही है।
विभाग के सूत्रों के अनुसार सूरत कमिश्नरेट का इस बार लक्ष्य तक पहुंचना मुश्किल लगने के कारण विभाग ने मार्च के अंतिम दिनों में सर्वे की कार्रवाई शुरू की है। सोमवार को वराछा क्षेत्र में एक हीरा मैन्युफेक्चर और निर्यातक पर सर्वे की कार्रवाई शुरू की गई। बताया जा रहा है कि इस उद्यमी ने पिछले साल की अपेक्षा एडवांस टैक्स कम भरा था। इसे देखते हुए कार्रवाई की गई। जांच के बाद कर चोरी का खुलासा हो सकता है। इस बार आयकर विभाग को वराछा से कम टार्गेट हासिल हो सका है। इसलिए विभाग सर्वे की कार्रवाई कर रहा है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में सूरत कमिश्नरेट को 4660 करोड़ रुपए का लक्ष्य दिया गया है। इसके मुकाबले अब तक 2250 करोड़ रुपए की वसूली की गई है। पिछले दिनों विभाग ने कई डिफॉल्टर्स के खिलाफ प्रोसिक्यूशन की कार्रवाई शुरू की थी। कुछ की संपत्ति और बैंक अकाउंट जब्त किए गए थे। रियल एस्टेट और हीरा उद्योग की मंदी के कारण लक्ष्य हासिल करने में मुश्किल आ रही है।
सूरत कमिश्नरेट के सीआइटी-3 में वराछा और कतारगाम क्षेत्र आते हैं, जो हीरा उद्योग का केन्द्र हैं। इस बार यहां आयकर विभाग का कलेक्शन पिछले साल से 35 प्रतिशत कम चल रहा है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में सीआइटी-3 को 650 करोड़ रुपए का लक्ष्य दिया गया है। इसके मुकाबले विभाग ने 230.6 करोड़ रुपए वसूल किए हैं। बाकी 329 करोड़ रुपए शेष 13 दिन में वसूल करने हैं। बताया जा रहा है कि सीआइटी-3 के क्षेत्र में अब तक ज्यादातर आय कैपिटल गेन टैक्स, रियल एस्टेट और हीरा उद्यमियों से होती थी। इस साल मंदी के कारण बुरा असर पड़ा है। इसके अलावा पिछले साल सरकार की आइडीएस योजना में 110 करोड़ रुपए आए थे। सीआइटी-3 में अब तक 260 करोड़ रुपए का रिफंड दिया गया है, जो पिछले साल 177 करोड़ रुपए था। आयकर अधिकारियों का कहना है कि इन सब के साथ सबसे महत्वपूर्ण कारण यह भी है कि इस साल पिछले साल की अपेक्षा सर्वे और सर्च की कार्रवाई कम की गई।