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रैपिड टेस्ट बढ़े तो घट गए ऑक्सीजन की कमी वाले कोरोना मरीज

locationसूरतPublished: Aug 08, 2020 11:04:38 pm

Submitted by:

Sanjeev Kumar Singh

– अनलॉक-3.0 : इन्फेक्शन रेट में कमी और डबलिंग रेट के दिनों में बढ़ोतरी
– न्यू सिविल और स्मीमेर अस्पताल में 200 से कम मरीज उपचाराधीन
– अनलॉक-2.0 के अंतिम सप्ताह में 500 से ज्यादा मरीज भर्ती थे

रैपिड टेस्ट बढ़े तो घट गए ऑक्सीजन की कमी वाले कोरोना मरीज

रैपिड टेस्ट बढ़े तो घट गए ऑक्सीजन की कमी वाले कोरोना मरीज

संजीव सिंह / सूरत.

शहर में पिछले तीन-चार दिनों से कोरोना के गंभीर मरीजों में कमी दिख रही है। एंटीजेन रैपिड कोरोना टेस्ट बढ़ाने से अस्पतालों में भर्ती होने वाले ऑक्सीजन की कमी वाले मरीजों की संख्या काफी घट गई है। अनलॉक-2.0 के अंतिम सप्ताह में न्यू सिविल और स्मीमेर अस्पतालों में ऑक्सीजन कमी वाले मरीजों की संख्या 500 से अधिक थी, लेकिन अनलॉक-3.0 के प्रथम सप्ताह में ही यह संख्या 200 से रह गई है। इन्फेक्शन रेट में कमी और डबलिंग रेट के दिनों में बढ़ोतरी होना सूरत के लिए अच्छे संकेत हैं।
देखा जाए तो अनलॉक-3.0 के प्रथम सप्ताह में सूरत जिले में कोरोना पॉजिटिव की संख्या 15 हजार पार कर गई है। वहीं 658 की मौत हो चुकी है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े बताते हैं कि कुछ दिनों से कोरोना मरीजों की संख्या और मौत के मामलों में कमी देखी जा रही है। इसमें अच्छी बात यह है कि ऑक्सीजन की कमी के साथ अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों में भी कमी आई है।

मरीजों में कमी की यह वजह

अस्पतालों में इन दिनों मरीजों में कमी आने केपीछे एक वजह मनपा द्वारा किए जा रहे एंटीजेन रैपिड टेस्ट भी हैं। शहर में सौ से अधिक धनवंतरी रथ चलाए जा रहे हैं। इसके अलावा अर्बन हेल्थ सेंटरों (यूएचसी) में भी रैपिड टेस्ट किए जा रहे हंै। रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डे और बस अड्डों पर भी व्यवस्था की गई है। इसके अलावा सरकारी, निजी अस्पतालों, लेबोरेटरी में भी राहत दर पर एंटीजेन टेस्ट की सुविधा शुरू की गई है। रोजाना 5000 से 6000 रैपिड कोरोना टेस्ट किए जा रहे हंै। इसमें पॉजिटिव आने वाले मरीजों की संख्या एक से दो प्रतिशत होती है।
इन्हें स्थल पर ही उपचार देकर होम आइसोलेशन की सलाह दी जाती है। घर पर इलाज करवाने वाले रैपिड टेस्ट के पॉजेटिव मरीजों से टेलिफोन पर तबीयत पूछी जाती है। जरूरत पडऩे पर मरीज के घर मेडिकल टीम पहुंचती है। कोविड ट्रैकर एप से भी मरीजों को सुबह -शाम दो बार स्टेट्स अपडेट करने के लिए कहते हंै। इन प्रयासों से हल्के लक्षण वाले मरीज बिना अस्पताल में भर्ती हुए ही बड़ी संख्या में स्वस्थ हो रहे हैं। इससे अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में कमी आई है। अब श्वांस लेने में तक लीफ वाले और गंभीर मरीज ही भर्ती हैं।
बाहर से आने वालों पर नजर

रेलवे स्टेशन पर प्रतिदिन चार हजार से अधिक लोग उतरते हंै। इसमें दो हजार सूरत में रहने वाले होते हैं। जबकि हजार-बारह सौ लोग सूरत उतरने के बाद दूसरे छोटे शहरों में जाते हैं। वहीं कुछ ऐसे यात्री होते हैं, जो व्यापार के लिए आते और लौट जाते हैं। इनमें कौन संदिग्ध मरीज हो सकता है, इसकी जांच के लिए स्टेशन पर रैपिड कोरोना टेस्ट शुरू किया गया है। वहीं एयरपोर्ट और पलसाणा चौकड़ी पर भी टेस्ट किए जा रहे हैं। इसके अलावा गुजरात राज्य मार्ग वाहन व्यवहार निगम ने 6 अगस्त से एक सप्ताह तक बसों पर रोक बढ़ा दी है।

गंभीर कोरोना मरीजों की स्थिति (न्यू सिविल/स्मीमेर अस्पताल)

दिनांक- ऑक्सीजन- बाइपेप- वेंटिलेटर

7 अगस्त- 184- 51- 21

6 अगस्त- 231- 54- 21

5 अगस्त- 293- 54- 23

4 अगस्त- 354- 66- 23
3 अगस्त- 350- 80- 25

2 अगस्त- 377- 71- 29

1 अगस्त- 382- 64- 31

ऑक्सीजन कमी वाले 25-30 मरीज हो रहे भर्ती

अगस्त के पहले सप्ताह में ऑक्सीजन की शिकायत से भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या घटी है। कोविड-19 हॉस्पिटल में ओपीडी के दौरान आने वाले 25 से 30 संदिग्ध मरीजों में ऑक्सीजन की कमी देखने को मिल रही है। जबकि पहले 60 से 70 मरीज ऐसे आ रहे थे। ओपीडी में भी मरीज घटे हैं।
-डॉ. अमित गामित, एसो. प्रोफेसर, न्यू सिविल अस्पताल।


ओपीडी के 45 से 65 मरीज हो रहे भर्ती

अनलॉक-3.0 में ओपीडी में आने वाले तथा भर्ती होने मरीजों की संख्या में कमी आई है। जून माह में सर्वाधिक एक दिन में 155 मरीजों को भर्ती किया गया था। लेकिन अगस्त में यह संख्या घटकर 45 से 65 के बीच हो गई है। वहीं कुछ क ोमोरबिड होते हैं। ऑक्सीजन कमी वाले मरीजों में कमी आई है।
– डॉ. अरविंद पांडेय, एडिशनल सुप्रिटेंडेंट, स्मीमेर अस्पताल।

इन्फेक्शन रेट में कमी, डबलिंग रेट 30 दिन

शहर में गंभीर ऑक्सीजन की कमी वाले मरीजों में कमी आई है। एन्टीजेन टेस्ट बढ़ाने से त्वरित मरीज की पहचान, इलाज और स्वस्थ होने से यह फ र्क दिख रहा है। पहले सूरत में इन्फेक्शन रेट 3.2 प्रतिशत था, जो 1.97 प्रतिशत हो गया है। वहीं पहले सूरत में डबलिंग रेट पन्द्रह दिनों का था, जो अब 30 दिन हो गया है।
– बंछानिधि पाणि, आयुक्त, मनपा।

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