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भंगार जलाने से बढ़ रहा प्रदूषण

locationसूरतPublished: Jun 07, 2018 09:57:34 pm

आवासीय कॉलोनियों में बने हैं भंगार अड्डेस्वच्छता पर पड़ रहा असर

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भंगार जलाने से बढ़ रहा प्रदूषण


सिलवासा. सोसायटियों में भंगार तथा अपशिष्ट उत्पाद जलाने से निवासी परेशान हैं। कई कारोबारियों ने बस्तियों में प्लास्टिक, रबर, केमिकल, सिंथेटिक्स वाले भंगार अपशिष्ट के गोदाम बना रखे हैं। भंगार अपशिष्ट छंटनी के बाद कारोबारी गोदाम के पास रबर, वायर, केमिकल, वेस्ट तेल, प्लास्टिक आदि जलाते हैं, जिससे आसपास का वातावरण प्रदूषित होता रहता है। आवासीय कॉलोनियों में भंगार अड्डों के कारण स्वच्छता पर प्रभाव पड़ रहा है।

कारोबारियों के पहले औद्योगिक परिसरों में भंगार के गोदाम थे, अब सिलवासा, आमली, पिपरिया, लवाछा की कॉलोनियों और आवासीय विस्तार में गोदाम खुल गए हैं। लोगों की शिकायत है कि इन भंगार गोदामों से प्रदूषण बढ़ रहा है। कई व्यवसायी आवासीय कॉलोनियों में अंदर तक पहुंच गए हैं। औद्योगिक इकाई वाले क्षेत्र आमली, पिपरिया, डोकमर्डी, दादरा, नरोली, मसाट, रखोली, पिपरिया, डोकमर्डी, दपाड़़ा, आंबोली, खानवेल में भंगार जमा करने के गोदाम बने हंैै। यहां से देशभर के शहरों में भंगार उत्पाद भेजा जाता है। इन कारोबारियों केे पास न तो लाइसेेंस है, न ही एनओसी। अवैध भंगार गोदामों के कारण अपराध भी बढ़ रहे हैैं। कुछ समय पहले प्रशासन ने सिलवासा, दादरा, नरोली, मसाट, रखोली और खानवेल के भंगार अड्डों पर बुलडोजर चलवा दिया था। बाद में लोगों ने पुन: धंधा चालू कर लिया है। भंगार के काम में राजनीतिक लोग भी जुड़े हैं, जिस पर प्रशासन जल्दी कारवाई नहीं करता है।
6 तहसीलों में प्रमुखों के चुनाव 20 को
वलसाड. वलसाड जिले की 6 तहसील पंचायतों में प्रमुख पद का चुनाव 20 जून को होगा। वलसाड जिले की 6 तहसील पंचायतें वलसाड, पारडी, वापी, उमरगांव, धरमपुर और कपराड़ा में तहसील प्रमुखों के ढाई साल पूरे हो गए हैं। अब प्रमुख पद पर नए लोगों को बैठाने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए जिला विकास अधिकारी ने परिपत्र जारी किया है। 19 जून को हर तहसील के अधिकारी से नामांकन फॉर्म लेकर भरना होगा। 20 जून को निर्णय होगा। फिलहाल वलसाड, वापी और कपराड़ा भाजपा के पास हैं और पारड़ी, धरमपुर और उमरगांव कांग्रेस के पास। पारड़ी तहसील में कांग्रेस की 12 सीटें तथा भाजपा की 10 सीटें थी। इसमें कांग्रेस की एक महिला सदस्य को तीन संतानों के चलते पद से हटा दिया गया था। उप चुनाव में भाजपा की जीत हुई थी। इसके बाद भाजपा और कांग्रेस के पास 11-11 सीट हो गई थी। उसके बाद कांग्रेस के एक सदस्य की मौत होने पर सीट खाली है। वहां उपचुनाव अभी तक नहीं हुए हैं। वर्तमान में भाजपा के पास 11 और कांग्रेस के पास 10 सीटें हंै।
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