‘अपने लिए जिए तो क्या जिए; आग में झुलसी डेढ़ महीने की बेसहारा हैनी के उपचार के लिए नि:संतान दम्पती ने घर का सामान तक बेच दिया
नवसारी जिले के चिखली तहसील के रुमला गांव का सुरेश शुक्कर पटेल दस साल से रियाद की कंपनी में नौकरी के लिए जा रहा है। पिछली बार वह 2017 में रियाद गया था और वहां की एसएससीएल कंपनी से जुड़ा था। कुछ महीने बाद कंपनी ने अचानक काम बंद कर दिया और सुरेश सहित काम कर रहे 80 से अधिक कर्मचारियों का वेतन का भुगतान भी बंद कर दिया। इससे परेशान सुरेश और उसके साथियों ने कंपनी में हड़ताल की। इस बीच सउदी अरब में जरूरी हकामा कार्ड की वेलिडिटी खत्म हो गई। इससे सुरेश समेत सभी लोगों की हालत दयनीय हो गई, क्योंकि भारत लौटने के लिए यह कार्ड जरूरी है। वहां की कोर्ट और भारतीय दूतावास में शिकायत के बाद भी कोई हल नहीं निकला। अब सुरेश समेत सभी 80 भारतीय कर्मचारियों को देश लौटने के लिए सरकार से मदद की आस है।
नवसारी जिले के चिखली तहसील के रुमला गांव का सुरेश शुक्कर पटेल दस साल से रियाद की कंपनी में नौकरी के लिए जा रहा है। पिछली बार वह 2017 में रियाद गया था और वहां की एसएससीएल कंपनी से जुड़ा था। कुछ महीने बाद कंपनी ने अचानक काम बंद कर दिया और सुरेश सहित काम कर रहे 80 से अधिक कर्मचारियों का वेतन का भुगतान भी बंद कर दिया। इससे परेशान सुरेश और उसके साथियों ने कंपनी में हड़ताल की। इस बीच सउदी अरब में जरूरी हकामा कार्ड की वेलिडिटी खत्म हो गई। इससे सुरेश समेत सभी लोगों की हालत दयनीय हो गई, क्योंकि भारत लौटने के लिए यह कार्ड जरूरी है। वहां की कोर्ट और भारतीय दूतावास में शिकायत के बाद भी कोई हल नहीं निकला। अब सुरेश समेत सभी 80 भारतीय कर्मचारियों को देश लौटने के लिए सरकार से मदद की आस है।
जिला प्रशासन को जानकारी ही नहीं
रियाद में फंसे नवसारी के युवकों के बारे में जिला प्रशासन को कोई जानकारी ही नहीं है। इस मामले में प्रशासन की कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर कलक्टर आद्रा अग्रवाल ने कहा कि इस विषय में मुझे कोई जानकारी नहीं है। अतिरिक्त कलक्टर या एसपी से जानकारी लेने के बाद कुछ बता पाऊंगी।