सूरत

करोड़ों का सुख त्याग वैराग्य को चली डॉ. हिना

वर्षीदान यात्रा में उमड़े श्रद्धालु, दीक्षा विधि आज

सूरतJul 17, 2018 / 10:14 pm

Sandip Kumar N Pateel

करोड़ों का सुख त्याग वैराग्य को चली डॉ. हिना

सूरत. करोड़ों रुपए की दौलत, सुख, वैभव और चकाचौंध जिन्दगी को त्यागकर डॉ. हिनाकुमारी हिंगड़ ने वैराग्य का मार्ग चुना तो उसे आशीर्वाद देने के लिए सैकड़ों हाथ एकसाथ उठ खड़े हुए। मुमुक्षू हिना की वर्षीदान शोभायात्रा शहर के वेसू क्षेत्र में मंगलवार को हर्षोल्लास के साथ निकली। उसने खुले हाथों से सांसारिक वस्तुओं का त्याग किया। देर शाम संयम वस्त्रों पर केसर रंग छिड़कने व सम्मान समारोह जैसे आयोजन हुए। मूलत: राजस्थान में पाली जिले के घाणेराव निवासी अशोक कुमार हिंगड़ की बेटी हिना बुधवार सुबह विजयलक्ष्मी हॉल में भागवती दीक्षा ग्रहण करेगी। वर्षों पहले कारोबार के लिए अशोक हिंगड़ महाराष्ट्र के मालेगांव पहुंचे और वहीं बस गए।
इससे पहले शोभायात्रा में आचार्य यशोवर्म सूरिश्वर के सानिध्य में कई संतवृंद मौजूद रहे। उन्होंने मुमुक्षू के त्याग भाव की मुक्त कंठ से प्रशंसा की। नवसारी सांसद सीआर पाटिल समेत कई श्रद्धालुओं ने तालियां बजाकर हर्षध्वनि की। दीक्षा विधि में शामिल होने के लिए राजस्थान, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक समेत गुजरात भर से श्रद्धालु सूरत पहुंचे हैं। समारोह में आचार्य वीरयश सूरिश्वर, साध्वी वंदनमाला, विवेकमाला भी मौजूद रहेंगे।

एमबीबीएस में गोल्ड मेडलिस्ट है हिना


मुंबई से मेडिकल की शिक्षा लेने वाली डॉ. हिना कुमारी ने डिग्री पूरी करने के बाद गोल्ड मेडल प्राप्त किया। शुरू से ही मेधावी छात्रा रही हिना बीते पांच वर्ष से महाराष्ट्र में शिरड़ी के निकट अस्पताल में कार्यरत है। हिना ने बताया कि वह १८ साल की उम्र में ही दीक्षा लेना चाहती थी, पर पिता नहीं माने। इसलिए १२ साल इंतजार किया और आखिर पांच महीने पहले वे मान गए। वह जैन भागवती दीक्षा ग्रहण कर धर्म के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित लोगों को करेंगी। उसने कहा कि शरीर के उपचार के लिए तो सब प्रयास करते हैं, लेकिन आत्मा की शुद्धि के लिए कोई कुछ नहीं करता। चिकित्सा के पेशे से धन तो कमा लेती, पर सच्ची सेवा का काम तो सबकुछ त्याग कर ही हो सकता है।
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