इंडियन रेलवे स्टेशन डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने कुछ स्टेशनों का मास्टर प्लान तैयार किया है। गुजरात के गांधीनगर तथा सूरत स्टेशन को वल्र्ड क्लास मॉडल के रूप में तैयार करने को मंजूरी मिली है, जबकि उधना को सेटेलाइट स्टेशन के तौर पर विकसित करने का कार्य किया जा रहा है। मुम्बई रेल मंडल ने उधना स्टेशन पर कैमरे लगाने के कार्य को मंजूरी दे दी है। इसका कार्य रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (आरटीसीआइ) को दिया गया है। रेलटेल कंपनी के दो इंजीनियर निकुंज पटेल तथा अश्विनी सोमवार को उधना स्टेशन आए। उन्होंने स्थानीय टेलीकॉम विभाग के साथ मिलकर स्टेशन पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का सर्वे शुरू किया।
सूत्रों ने बताया कि उधना स्टेशन पर बीस सीसीटीवी कैमरे लगाने की मंजूरी मिली है। प्लेटफॉर्म संख्या एक की तरफ 14 और प्लेटफॉर्म दो-तीन पर छह कैमरे लगाए जाएंगे। उधना स्टेशन पर आने-जाने के लिए तीन मेन गेट हैं। तीनों मेन गेट के अंदर तथा बाहर कैमरे लगाए जाएंगे। करंट टिकट बुकिंग कार्यालय (यूटीएस) के पास भी एक कैमरा लगाया जाएगा। इसके अलावा रेलवे फुटओवर ब्रिज पर भेस्तान की तरफ तथा सूरत की तरफ दो कैमरे लगाए जाएंगे। एक कैमरा पार्किंग एरिया, गार्ड और ड्राइवर लॉबी को कवर करेगा, जबकि दूसरा कैमरा प्लेटफॉर्म संख्या एक पर निगरानी रखने के लिए लगाया जाएगा। छह कैमरे प्लेटफॉर्म संख्या एक पर स्टेशन मास्टर ऑफिस के पास और प्रतीक्षालय कम रिजर्वेशन बिल्डिंग के पास लगेंगे।
अधिकारियों ने बताया कि रेलटेल कंपनी के इंजीनियर मंगलवार से स्टेशन पर वायरिंग का कार्य शुरू करेंगे। इसके बाद चिन्हित स्थानों पर स्विच तथा कैमरे लगाने का कार्य किया जाएगा। यह कार्य दो सप्ताह में पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। जेडआरयूसीसी सदस्य राकेश शाह ने बताया कि सूरत तथा उधना स्टेशन पर सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग बहुत पुरानी है। सूरत स्टेशन पर कैमरों को बदलने का कार्य भी जल्द पूरा किया जाना चाहिए। उल्लेखनीय है कि भारतीय रेलवे की स्वच्छता रैंकिंग में उधना स्टेशन ने काफी सुधार किया है। पिछले साल उधना स्टेशन 275वें स्थान पर था। इस साल 259 अंक के सुधार के साथ इसने 16वीं रैंक हासिल की है। इसलिए अधिकारी उधना स्टेशन पर यात्री सुविधाएं बढ़ाने पर ध्यान दे रहे हैं।
हो चुके हैं कोच जलने के हादसे उधना स्टेशन का यार्ड काफी बड़ा है। सूरत से शुरू होने वाली कुछ ट्रेनों का रख-रखाव उधना यार्ड में किया जाता है। यहां पिछले साल सूरत-वलसाड मेमू की खाली रैक के एक कोच में आग लग गई थी। इसके बाद 16 फरवरी, २०१९ को एक कोच में आग लगी थी। आग लगने के कारणों का आज तक पता नहीं चल सका है। स्थानीय तथा मंडल अधिकारियों ने जांच पूरी कर फाइल बंद कर दी। उधना यार्ड में आने-जाने वाले लोगों पर नजर रखने के लिए चार सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इनसे लॉबी, पिट लाइन, यार्ड और लाइन नम्बर पांच-छह को कवर किया गया है।
आरपीएफ की निगरानी में होंगे उधना स्टेशन पर लगाए जाने वाले कैमरों का डिस्प्ले रेलवे सुरक्षा बल कार्यालय में लगाने के निर्देश दिए गए हैं। उधना रेलवे पुलिस आइपीसी से जुड़े मामलों में यात्रियों की शिकायतें सुनती है, लेकिन सीसीटीवी कैमरे का डिस्प्ले रेलवे पुलिस कार्यालय में नहीं दिया जाएगा। सूरत स्टेशन पर भी सीसीटीवी कैमरों की निगरानी की जवाबदारी रेलवे सुरक्षा बल निभाता है। रेलवे पुलिस के आला अधिकारियों ने कई बार डिस्प्ले रेलवे पुलिस थाने में लगाने के लिए कहा है। अब तक इस पर कोई निर्णय नहीं हो सका है। जन प्रतिनिधियों द्वारा स्टेशन मास्टर कार्यालय में भी प्लेटफॉर्म पर लगे कैमरों का डिस्प्ले होने की मांग की गई है।