LIC FRAUD : खुद का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर 32.93 लाख का बीमा लिया था..
- शातिर कपड़ा व्यापारी के खिलाफ एक और मामला दर्ज
- पुत्र के साथ मिलकर रची थी साजिश
- Another case registered against the vicious cloth merchant
- The conspiracy was hatched with the son

सूरत. स्वयं का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बना कर बीमा कंपनी के साथ 32.93 लाख रुपए की जालसाजी करने के आरोप में शातिर कपड़ा व्यापारी कमल चंदवाणी व उसके पुत्र के खिलाफ लालगेट थाने में एक और मामला दर्ज हुआ है। कमल के जीवित होने की जानकारी एलआईसी को होने पर एलआइसी की ओर बीमा अधिकारी परेश त्रिवेदी ने बुधवार को लालगेट थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई। कमल फिलहाल सलाबतपुरा थाने में उसके खिलाफ दर्ज मामले में न्यायिक हिरासत में लाजपोर जेल में बंद है। जबकि उसका पुत्र वरुण फरार है।
मामले की जांच कर रहे पुलिस निरीक्षक डी.के. सोलंकी ने बताया कि अलथाण नेस्टवुड अपार्टमेंट निवासी शातिर कमल चंदवाणी व उसके पार्टनर गणेश सिन्हा के खिलाफ व्यापारी संजय खराड़ी ने सलाबतपुरा थाने में 4 लाख रुपए की धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया था। इस मामले में जमानत के लिए कमल ने कोर्ट में याचिका दायर की थी। लेकिन कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज कर दी थी।
उसके बाद उसने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने जमानत के लिए दो लाख रुपए सिक्युरिटी डिपोजिट जमा करने का आदेश दिया था। इस पर कमल ने अपने पुत्र के साथ मिलकर स्वयं को मृतक साबित करने की साजिश रची। पिछले साल नवम्बर में उन्होंने सिद्धी क्लीनिक के डॉ. साग पटेल का फर्जी डेथ सर्टीफिकेट हासिल किया। उसके आधार पर रामनाथ घेला श्मशानगृह में किसी अज्ञात व्यक्ति का दाह संस्कार करवा कर रसीद हासिल की।
फिर उनका उपयोग कर सूरत महानगर पालिका से मृत्यु प्रमाण पत्र हासिल कर लिया। इस प्रमाण पत्र को कोर्ट में पेश कर वरुण ने कमल के खिलाफ दर्ज धोखाधड़ी का मामला खारिज करवा दिया। उसके बाद मृत्यु प्रमाण पत्र मुगलीसरा स्थित भारतीय जीवन बीमा निगम में पेश कर पांच अलग-अलग पॉलिसी के 32 लाख 93 हजार 839 रुपए भी हासिल कर लिए।
कुछ समय पूर्व संजय को कमल के जीवित होने की जानकारी मिलने पर उन्होंने सलाबतपुरा थाने में उसके खिलाफ दूसरी प्राथमिकी दर्ज करवाई। जिसके आधार पर सलाबतपुरा पुलिस ने मुंबई के बार से कमल को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि उसका पुत्र वरुण फरार हो गया। पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
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