मीडिया से बातचीत में ब्रह्मभट्ट ने कहा कि वह संविधान के दायरे में रह कर सभी के सहयोग से लोगों की सुरक्षा के लिए जो हो सकेगा, वह करेंगे। उनकी प्राथमिकता शहर में कानून और व्यवस्था को बनाए रखना है। मेहसाणा के मूल निवासी ब्रह्मभट्ट ने बताया कि वह किसान परिवार से हैं तथा गांव में उनके खेत और मवेशी हंै।
जब भी वक्त मिलता है, वह गांव में खेतों में काम करते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें गर्मी नहीं लगती, फील्ड में काम करना अच्छा लगता है। उन्होंने करीब साढ़े छह साल इंटेलिजेंस ब्यूरो (आइबी) में काम किया है। ऑफिस में बैठ कर फीडबैक लेने के बदले उन्हें फील्ड में जाकर फीडबैक लेना पसंद है।
शहर पुलिस महकमे में कर्मचारियों की कमी को लेकर उन्होंने कहा कि हम इस कमी को पूरा करने का प्रयास करेंगे, लेकिन इसमें वक्त लगेगा। फिलहाल जितनी फोर्स है, उसी से बेहतर काम करने का प्रयास करेंगे। गौरतलब है कि ब्रह्मभट्ट को २४ सितम्बर, २००२ को अक्षरधाम में हुए आतंकी हमले के दौरान बहादुरी के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया जा चुका है।