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राज्य सरकार का फरमान- तापी हमारी, हम करेंगे देखभाल

locationसूरतPublished: Nov 14, 2018 09:53:42 pm

अब सिंचाई विभाग हटाएगा नदी से टेकरियां, वियर कम कोजवे के ऊपरवास के 30 किलोमीटर क्षेत्र में ढाई सौ से अधिक टेकरियां-टीले

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राज्य सरकार का फरमान- तापी हमारी, हम करेंगे देखभाल

सूरत. तापी नदी में वियर कम कोजवे के ऊपरवास के करीब 30 किलोमीटर क्षेत्र में ढाई सौ से अधिक टेकरियां-टीले अब राज्य सरकार हटाएगी। पहले यह काम सूरत महानगर पालिका प्रशासन करने जा रहा था, लेकिन राज्य सरकार ने दखल देते हुए इसे सिंचाई विभाग को सौंपा है।
जानकारों के मुताबिक पिछले 16 साल से तापी पर बने वियर कम कोजवे के ऊपरवास में करीब 30 किलोमीटर में खनन प्रतिबंधित है। रेत खनन न होने से इस क्षेत्र में जगह-जगह बड़े-छोटे करीब 250 सौ टेकरियां-टीले बन गए हैं। इससे तापी की जल वहन क्षमता प्रभावित हो रही है। शहर को पानी की आपूर्ति के लिए तापी के वियर कम कोजवे के अपस्ट्रीम में वालक तक करीब 30 किलोमीटर क्षेत्र का इस्तेमाल किया जाता है। रेत के इन टीलों से जहां नदी में पानी की भरण क्षमता घटी है, नदी का प्राकृतिक सौंदर्य भी प्रभावित हुआ है।
मनपा प्रशासन ने तापी से टेकरियों को हटाने के लिए वड़ोदरा की गेरी को फिजिबिलिटी स्टडी का काम सौंपा था। गेरी ने टेकरियों के हटने से होने वाले प्रभाव का अध्ययन कर इसकी रिपोर्ट मनपा प्रशासन को सौंप दी थी। स्थाई समिति ने शहर की भविष्य की जलापूर्ति की जरूरतों को देखते हुए वर्ष २०१७ में तापी से टेकरियों को हटाने को महत्वपूर्ण समझते हुए इसकी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी। गेरी की रिपोर्ट आने के बाद सिंचाई विभाग ने रेती हटाने के दौरान वाहनों की आवाजाही से अपने पाले के नुकसान की आशंका जताई थी। इसके अलावा उसने भारी वाहनों के लिए अस्थाई सडक़ निर्माण की भी जरूरत बताई थी।
सिंचाई विभाग की आपत्तियों को देखते हुए राज्य सरकार ने तय किया कि नदी राज्य का विषय है, इसलिए तापी नदी से टेकरियां हटाने का काम राज्य सरकार की एजेंसियां ही करेंगी। इसके बाद मनपा प्रशासन ने इस प्रोजेक्ट से हाथ खींच लिए और राज्य सरकार ने नदी से टेकरियां हटाने का जिम्मा सिंचाई विभाग को सौंप दिया। सिंचाई विभाग ने इस दिशा में कवायद शुरू कर दी है। आगामी दिनों में नदी से टेकरियां हटाने का काम शुरू होने की उम्मीद है।
इसलिए पड़ी जरूरत

उपरवास पर वियर कम कोजवे से वालक तक करीब ३० किमी नदी बहाव क्षेत्र से मनपा प्रशासन इनटेक वेल के जरिए रॉ वाटर लेता है। कोजवे का निर्माण कार्य 1995 में पूरा हुआ था, इसके बाद तक अपस्ट्रीम में रेती खनन चालू था। इसकी वजह से नदी के तल में गहरे गड्ढे होने लगे थे। साथ ही वियर के स्ट्रक्टर में नुकसान की आशंका पैदा होने लगी थी। वियर की स्टेबिलिटी को ध्यान में रखते हुए सूरत मनपा ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर रेती खनन रुकवाने की मांग की थी। मनपा प्रशासन की पहल पर वर्ष 2001 में वियर कम कोजवे के अपस्ट्रीम के 30 किलोमीटर क्षेत्र और डाउन स्ट्रीम के एक किलोमीटर क्षेत्र में रेती खनन पर रोक लगा दी गई थी।
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