मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर न्यू सिविल अस्पताल में प्रदर्शनी और नाटक
युवाओं में आत्महत्याएं रोकने के लिए जागरुकता पर जोर देना जरूरी,युवाओं में आत्महत्याएं रोकने के लिए जागरुकता पर जोर देना जरूरी,युवाओं में आत्महत्याएं रोकने के लिए जागरुकता पर जोर देना जरूरी
सूरत. विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर गुरुवार को न्यू सिविल अस्पताल के मानसिक रोग विभाग तथा नर्सिंग विद्यार्थियों ने ओपीडी में प्रदर्शनी तथा नुक्कड़ नाटक के जरिए आत्महत्याएं रोकने के बारे में जानकारी दी। एक रिसर्च के मुताबिक एक आत्महत्या करीब 135 लोगों को प्रभावित करती है। गुजरात में आत्महत्या की दर 11.6 प्रतिशत है।
ओपीडी परिसर में प्रदर्शनी के उद्घाटन के मौके पर अतिरिक्त डीन और मानसिक रोग विभाग की अध्यक्ष डॉ. ऋतंभरा मेहता, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. कमलेश दवे, आरएमओ डॉ. केतन दवे, नर्सिंग कॉलेज की प्रिंसिपल इन्द्रवती राव, नर्सिंग काउंसिल के उप प्रमुख इकबाल कड़ीवाला, दिनेश अग्रवाल समेत अन्य लोग मौजूद थे। नर्सिंग विद्यार्थियों ने आत्महत्या रोकने के लिए नुक्कड़ नाटक पेश किया। इसके अलावा ऑडिटोरियम में सेमिनार का आयोजन किया गया था।
इसमें नर्सिंग कॉलेज के तीन सौ से अधिक विद्यार्थी मौजूद थे। मानसिक रोग विभाग की अध्यक्ष डॉ. ऋतंभरा मेहता ने बताया कि मानसिक रोग विभाग द्वारा आत्महत्याएं रोकने के लिए हेल्पलाइन चलाई जाती है। सूरत के लिए यह हेल्पलाइन बहुत उपयोगी साबित हो रही है। हर साल 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। इस साल डब्ल्यूएचओ ने इसकी थीम वर्किंग टुगेदर फोर सुसाइड प्रिवेंशन तय की है।
डॉ. मेहता ने बताया कि हर साल दुनिया में आठ लाख लोग आत्महत्या करते हैं। पिछले बीस साल में पंद्रह से पच्चीस साल के युवाओं में आत्महत्या के मामले बढ़े हैं। आत्महत्याओं के 1.4 फीसदी मामले पंद्रह से पच्चीस साल की उम्र के बीच वालों के होते हैं। दुनिया में मौत की दूसरी बड़ी वजह आत्महत्या है। डॉ. मेहता के मुताबिक कोई व्यक्ति आत्महत्या की बात करता है तो उसके साथ कुछ समय बिताया जाए और उसे अस्पताल लाया जाए। संवाद से ऐसे व्यक्ति अच्छी जिंदगी जी सकते हैं।