सूरत

नोटबंदी में काला धन सफेद होने की बात गलत : प्रधान

केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने बुधवार को सूरत भाजपा कार्यालय में कहा कि नोटबंदी के दौरान काले धन के सफेद होने का गलत

सूरतNov 09, 2017 / 09:59 pm

मुकेश शर्मा

It is wrong to note that black money is white in the ban

सूरत।केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने बुधवार को सूरत भाजपा कार्यालय में कहा कि नोटबंदी के दौरान काले धन के सफेद होने का गलत प्रचार किया गया। सभी गलत ट्रांजेक्शन पर सरकार की नजर है, 23 लाख खातों के तीन लाख 68 हजार करोड़ रुपए की स्क्रूटनी की जा रही है।

नोटबंदी का एक साल पूरा होने पर बुधवार को भाजपा ने देशभर में एंटी ब्लैकमनी डे मनाया। उधना के शहर भाजपा कार्यालय में प्रेसवार्ता में केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने नोटबंदी के फायदे गिनाए। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी पूर्ववर्ती यूपीए सरकार ने काले धन पर एसआईटी का गठन नहीं किया था, जबकि नरेन्द्र मोदी की सरकार ने पहली ही कैबिनेट मीटिंग में इसका गठन कर अपने इरादे जता दिए थे। सरकार के साढ़े तीन साल के कार्यकाल के दौरान अनअकाउंटेड मनी देश की अर्थव्यवस्था में शामिल हो रहा है। विदेशों में छुपाए गए धन के बारे में भी सरकार ने शिकंजा कसा है। जिन देशों में धन छुपे होने की जानकारी मिली, उनके साथ करार कर रास्ते निकाले जा रहे हैं।


नोटबंदी के बाद कम हुए अपराध

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नोटबंदी के दौरान देश मेें पांच सौ और हजार के 99 फीसदी नोट जमा हुए। करीब 16 हजार करोड़ रुपए बैंकों में नहीं आए। फेक करंसी के सर्कुलेशन से बाहर होने से नशे के करोबार, उग्रवाद, आंतरिक हिंसा आदि के मामले कम होने लगे। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के दौरान लोगों को तकलीफ हुई, लेकिन देश की जनता ने इस निर्णय को सपोर्ट किया। अब देश को इसका लाभ मिलना शुरू हो गया है।

ढाई करोड़ फर्जी ग्राहक मिले

गैस सब्सिडी को अकाउंट में देने और आधार लिंक की चर्चा करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश के 21 करोड़ घरों में एलपीजी जाती है। अब 2.5 करोड़ लोग इसकी सब्सिडी नहीं लेते। सब्सिडी को बैंक अकाउंट में डालने से 2.5 करोड़ फर्जी ग्राहकों का पता चला। इससे हर महीने करोड़ों रुपए बचने लगे।

33 फीसदी नोट चंद धनकुबेरों के पास

धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि देश की कुल करंसी का 66 फीसदी पांच सौ और हजार के नोट थे। इन नोटों का 33 फीसदी हिस्सा 0.00011 फीसदी लोगों के पास था। नोटबंदी के बाद देश में टैक्स देने वालों की संख्या बढ़ी। उन्होंने आश्वस्त किया कि सरकार टैक्स प्रणाली को सुगम और सरल करने की दिशा में प्रयास कर रही है। आने वाले दिनों में प्रक्रिया के और सरल होने से जहां आम जनता को राहत मिलेगी, वहीं कर चुकाने वालों की संख्या भी ज्यादा दर्ज होगी।

 

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